बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कराना चाहता है चीन, जानिए क्यों

मसूद अजहर जैसे आतंकियों को बचाने में पाकिस्तान की मदद करने वाला चीन अब चाहता है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) में प्रस्ताव रखे। 62 अरब डॉलर की अपनी महत्वाकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना को मद्देनजर रखते हुए चीन ये कार्रवाई चाहता है। आखिर CPEC क्या है और चीन क्यों BLA को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कराना चाहता है, आइए जानते हैं।
CPEC चीन की 'वन बेल्ट, वन रोड' (OBOR) परियोजना का हिस्सा है, जिसके जरिए चीन पूरी दुनिया में अपने व्यापारिक मार्गों का जाल बिछाना चाहता है। OBOR चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है। CPEC चीन के जिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है। ये पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से होकर गुजरता है और इसलिए भारत इस पर आपत्ति जताता रहा है। इसके तहत कई रेलवे लाइन और हाईवे बनने हैं।
चीन अपने व्यापार के लिए समुद्री मार्गों पर बहुत निर्भर है और उसका लगभग 80 प्रतिशत व्यापार मलक्का जलडमरूमध्य (मलक्का स्ट्रेट) से होकर गुजरता है। भारत का अंडमान-निकोबार जलडमरूमध्य के पास ही स्थित है और भारतीय नौसेना जरूरत पड़ने पर आसानी से इस मार्ग से जाने वाले चीना व्यापार को रोक सकती है। अपनी इसी कमजोरी को दूर करने के लिए चीन CPEC बना रहा है, जिसके जरिए वह भारत को बाईपास कर सीधे अरब सागर तक पहुंच जाएगा।
BLA बलूच लोगों की आजादी की मांग करता है और पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान में आने बलूच क्षेत्रों को शामिल कर एक अलग बलूच देश बनाना चाहता है। BLA पाकिस्तान सुरक्षा बलों पर कई हमले कर चुका है और उसे पाकिस्तान, अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम (UK) ने आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है। CPEC बलूचिस्तान से होकर गुजरता है और BLA इसके बिल्कुल खिलाफ है। वह नहीं चाहता कि चीनी सेना बलूचिस्तान स्थित ग्वादर बंदरगाह का प्रयोग करे।
BLA कराची स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमला कर चुका है। इसके अलावा चीनी अधिकारियों पर हमला करने के लिए वह ग्वादर के एक आलीशान होटल को भी निशाना बना चुका है। BLA के इसी खतरे को देखते हुए चीन उसे वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कराना चाहता है, ताकि CPEC और उसके अधिकारी सुरक्षित रहें। उसने पाकिस्तान को इस संबंध में UN सुरक्षा परिषद 1267 समिति में प्रस्ताव पेश करने को कहा है, जो ऐसे मामलों पर फैसला लेती है।
'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान को भरोसा दिया है कि वह BLA को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कराने में उसकी पूरी मदद करेगा। हालांकि पाकिस्तान अभी इसके लिए तैयार नहीं हुआ है। दरअसल, पाकिस्तान बलूचिस्तान के मुद्दे को आंतरिक तौर पर सुलझाना चाहता है और उसे डर है कि UNSC में प्रस्ताव रखने पर इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण हो जाएगा। हालांकि उसने चीन को आश्वासन दिया है कि BLA को दबाना पाकिस्तान सरकार की प्राथमिकता है।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के आक्रामक रुख अपनाने का संबंध भी CPEC से है। उनके अनुसार, चीन भारत के हिस्से में आने वाले काराकोरम पास के जरिए तिब्बत और पाकिस्तान को जोड़ने के लिए एक सड़क बनाना चाहता है ताकि भविष्य में भारत के CPEC को निशाना बनाने पर उसके पास एक वैकल्पिक सड़क बची रहे। अक्साई चिन में 50,000 चीनी सैनिकों के जमावड़े से इस आशंका को और बल मिलता है।