भारत-चीन विवाद: LAC पर 35,000 अतिरिक्त सैनिकों को तैनात करने की तैयारी में भारत
लद्दाख में भारत और चीन के बीच विवादित सीमा पर सैनिकों के पीछे हटने की संभावनाएं कम और कठिन होती नजर आ रही हैं। चीन द्वारा समझौते के अनुसार सैनिकों को पीछे हटाने की बात कही जा रही है तो भारत चीन के दावे को खारिज कर रहा है। ऐसे में अब भारत ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) क्षेत्र में 35,000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनानी की तैयारी शुरू कर दी है।
सेना अधिकारियों ने LAC पर जताई अतिरिक्त सैनिकों की आवश्यकता
TOI के अनुसार चीन के साथ बिगड़ती स्थिति को लेकर सेना के अधिकारियों ने LAC पर अतिरिक्त सैनिकों की आवश्यकता जताई है। दिल्ली स्थित थिंक टैंक यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया के निदेशक और सेवानिवृत्त सेना प्रमुख जनरल बीके शर्मा ने कहा, "कम से कम लद्दाख की प्रकृति हमेशा के लिए बदल गई है। अभी झड़पें रूक गई हैं, लेकिन जब तक दोनों ओर से अतिरिक्त सेना नहीं हटाई जाती है तब तक स्थिति सामान्य नहीं होगी।"
लद्दाख क्षेत्र में सेना की अतिरिक्त तैनाती का बजट पर पड़ेगा बड़ा असर
रिपोर्ट के अनुसार लद्दाख क्षेत्र में पाकिस्तान और चीन के साथ विवादित क्षेत्रों में सेना की अतिरिक्त तैनाती का बजट पर बड़ा असर पड़ता है। सीमा की सुरक्षा में मजबूती के लिए बड़ी लागत आती है। देश में रक्षा के लिए स्वीकृत बजट में से 60 प्रतिशत की खपत तो भारत के 1.3 मिलियन सैनिकों के वेतन भुगतान पर ही खर्च हो जाती है। ऐसे में पहाड़ी क्षेत्रों में सेना की अतिरिक्त तैनाती होती है तो बजट गड़बड़ा जाता है।
रक्षा बजट में बढ़ोतरी नहीं करना पीड़ादायक होगा- बेहरा
दिल्ली स्थित थिंक-टैंक मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस के एक वरिष्ठ शोध सहयोगी लक्ष्मण कुमार बेहरा ने कहा कि बजट की कमी का ही असर है कि सेना के पास आधुनिक हथियारों की कमी है और पर्याप्त गोला-बारूद भी नहीं है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में सेना की अतिरिक्त तैनाती से सेवाक्षमता, अनुसंधान, विकास और पूंजीगत व्यय पर राजस्व का दबाव बढ़ेगा। ऐसे में यदि रक्षा बजट नहीं बढ़ाया गया तो स्थिति दर्दनाक होगी।
चीन ने किया ज्यादातर जगहों पर सैनिकों को पीछे हटाने का दावा
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वेंग वेनबिन ने मंगलवार को बीजिंग में भारत-चीन के बीच सीमा विवाद पर बोलते हुए कहा, "जमीन पर माहौल लगातार ठंडा हो रहा है और तनाव में कमी आ रही है। सीमा पर अग्रिम मोर्चे पर तैनात दोनों देशों के सैनिक पहले ही ज्यादातर जगहों पर पूरी तरह से पीछे हट चुके हैं।" वेंग ने कहा कि दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच पांचवें दौर की बातचीत की तैयारी की जा रही है।
भारत ने किया चीन के दावों का खंडन
भारत ने गुरुवार को चीन के दावों का खंडन कर दिया है। भारत का कहना है कि बातचीत के बावजूद गोगरा और पेगोंग झील इलाके में सैनिक आमने-सामने डटे हुए हैं। पेंगोंग झील और हॉट स्प्रिंग-गोगरा इलाका पेट्रोल प्वाइंट 17A का हिस्सा है और यहां स्थिति नाजुक है। पेगोंग झील में चीनी सैनिक फिंगर 4 से पीछे हटकर फिंगर 5 में रिजलाइन पर डट गए हैं। वहीं भारतीय सैनिक फिंगर 2 और 3 के बीच झील के किनारे पर हैं।
इन जगहों को लेकर बढ़ा था तनाव
मई के पहले हफ्ते में आक्रामक रुख अपनाते हुए चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में LAC पर चार जगहों पर आगे आ गए थे। इनमें पेंगोंग झील के पास स्थित फिंगर्स एरिया, गलवान घाटी (PP14), हॉट स्प्रिंग (PP15) और गोगरा (PP17A) शामिल थे। फिंगर्स एरिया और गलवान में तो चीनी सैनिक भारतीय इलाके में दाखिल हो गए थे। गलवान घाटी में ही 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों में झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।