कोवैक्सिन से लेकर ऑक्सफोर्ड तक, ये है भारत में कोरोना वैक्सीन की वर्तमान स्थिति
भारत में अब कोरोना वायरस की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ने लगी है, लेकिन फिर भी देश दुनिया में सबसे प्रभावित देशों में दूसरे पायदान पर काबिज है। सरकार 2021 के मध्य तक लगभग 25 करोड़ लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। हालांकि, एक अरब से अधिक की आबादी के लिए अधिकारी बड़े पैमाने पर टीकाकरण के लिए कई वैक्सीनों का उपयोग करने पर विचार कर रहे हैं। जानिए किन वैक्सीनों को मंजूरी मिल सकती है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की AZD1222
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मास्युटिकल फर्म एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन भारत में तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में चल रही है। भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने वैक्सीन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ भागीदारी की है, जिसे 'कोविशिल्ड' के नाम से बेचा जाएगा। यह पहली वैक्सीन हो सकती है, जिसे 2021 के शुरू होने से पहले वैज्ञानिक ब्रिटेन में विनियामक मंजूरी मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।
ट्रायल में शामिल वॉलेंटियरों पर 'कोविशिल्ड' का नहीं पड़ा कोई प्रतिकूल प्रभाव
नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार कोविशिल्ड के अंतिम चरण के ट्रायल में शामिल हुए वॉलेंटियरों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। एक शीर्ष वैज्ञानिक ने द प्रिंट को बताया था, "बहुत कम वॉलेंटियरों को बुखार आया था, लेकिन चिंता जैसी कोई बात नहीं है।"
भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन'
स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन का भारत में दूसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। वैक्सीन को भारत बायोटेक द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से विकसित किया गया है। भारत बायोटेक ने तीसरे चरण के ट्रायल के लिए देश के ड्रग रेगुलेटर से अनुमति मांगी है। इस प्रकार इसके ट्रायल में अब तक किसी भी वॉलेंटियर के कोई प्रतिकूल प्रभाव सामने नहीं आए हैं।
भारत बायोटेक वैक्सीन की प्रभावशीलता के लिए करना चाहता है सहायक का उपयोग
भारत बायोटेक ने अपनी वैक्सीन लिए अल्हाइड्रॉक्सीकीम-2 नामक एक सहायक को लाइसेंस देने के लिए कैनसस-आधारित वीरोवैक्स के साथ करार किया है। इससे वैक्सीन की प्रतिरक्षा बढ़ने और उसके लंबे समय तक चलने की उम्मीद है।
जायडस कैडिला की 'ZyCoV-D'
हैदराबाद स्थित फर्म जायडस कैडिला द्वारा विकसित वैक्सीन का दूसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। इस वैक्सीन को ZyCoV-D नाम दिया गया है। जायडस कैडिला के चेयरपर्सन पंकज आर पटेल ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि ट्रायल सही दिशा में आगे बढ़ रहा हैं और इसके परिणाम नवंबर के अंत तक आने की उम्मीद है। पटेल ने मार्च 2021 तक वैक्सीन को पूरी तरह से तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
रूस की 'स्पुतनिक वी'
इस बीच, रूस द्वारा तैयार की गई वैक्सीन 'स्पुतनिक वी' के लिए बड़े स्तर पर क्लिनिकल ट्रायल करने के प्रस्ताव को भारत ने खारिज कर दिया है। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के एक पैनल ने देखा कि वैक्सीन की सुरक्षा और इम्युनोजेनेसिटी पर पर्याप्त डेटा उपलब्ध नहीं है, जो पहले से ही रूस में उपयोग के लिए पंजीकृत है। डॉ रेड्डीज लैब भारत में वैक्सीन के उत्पादन और वितरण का कार्य देख रही है।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 55,342 नए मामले सामने आए और 706 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। देश में ये 18 अगस्त के बाद सबसे कम नए मामले और 28 जुलाई के बाद सबसे कम मौतें हैं। इसी के साथ देश में कुल मामलों की संख्या 71,75,880 हो गई है, वहीं 1,09,856 लोगों को इस खतरनाक वायरस के संक्रमण के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या 8,38,729 हो गई है।