सीमा के करीब 44 नए ब्रिज खोलने से बौखलाया चीन, लद्दाख पर दिया बड़ा बयान
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच भारत ने सीमा क्षेत्र में आवागमन सुगम बनाने के लिए 44 नए ब्रिजों को खोल दिया है। भारत के इस कदम से चीन बुरी तरह से बौखला गया है और लद्दाख को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीन ने कहा है कि वह लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में मान्यता नहीं देता है और भारत ने इसे अवैध रूप से स्थापित किया है।
भारत ने सीमा के करीब खोले 44 नए ब्रिज
बता दें कि सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिमी, उत्तरी और उत्तर-पूर्वी सीमाओं के करीब संवेदनशील क्षेत्रों में सड़कों और पुलों की कनेक्टिविटी में एक नए युग में शुरुआत करते हुए 44 प्रमुख स्थायी ब्रिजों को राष्ट्र को समर्पित किया था। ये पुल रणनीतिक महत्व के हैं और दूरदराज के क्षेत्रों को कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं। ये 44 ब्रिज सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं। भारत के इस कदम से चीन बौखला गया है।
भारत के निर्माण कार्य का विरोध करता है चीन- लीजियान
भारत के इस कदम के बाद चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, "पहले तो मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि चीन, लद्दाख को केंद्र शासित क्षेत्र के रूप में मान्यता नहीं देता है। लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश को भारत ने अवैध रूप से स्थापित किया है।" उन्होंने आगे कहा, "हम सैन्य उद्देश्य से सीमा के पास बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के खिलाफ हैं। दोनों पक्षों को सीमा पर तनाव बढ़ने वाला कदम नहीं उठाना चाहिए।"
बुनियादी ढांचे के विस्तार के साथ सीमा पर सेना की तैनाती कर रहा भारत- लीजियान
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार लिजियान ने कहा, "भारतीय पक्ष सीमा पर बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के साथ सेना की तैनाती कर रहा है और यही दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ने का मूल कारण है।" उन्होंने कहा, "हम भारतीय पक्ष से अनुरोध करते है कि वह वह दोनों पक्षों की ओर से आपसी सहमति के अनुसार काम करें। भारत को सीमा पर शांति स्थापित करने के लिए ठोस उपाय करने चाहिए।"
भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच हुई सातवीं बैठक
भारत द्वारा 44 नए ब्रिजों को खोलने की खबर उस समय सामने आई, जब जब भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच सोमवार को सातवीं बार बातचीत हुई है। रिपोर्ट के अनुसार यह बातचीत 11 घंटे से अधिक समय तक चली और रात 11:30 बजे खत्म हुई। बता दें कि पिछले कुछ समय में दोनों देशों के सैनिकों के कई बार आमने-सामने होने के बाद शांति स्थापित करने के इरादे से ये बैठकें आयोजित की जा रही है।
मई में हुई थी भारत और चीन के बीच तनाव की शुरुआत
भारत और चीन के बीच मई में पूर्वी लद्दाख में सीमा को लेकर विवाद हो गया था। उसके बाद से दोनों सेनाओं के सैनिक गुस्से से भरे थे। उसके बाद 15 जून की रात को चीनी सेना ने गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया था। इसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। उसके बाद से ही दोनों सेनाओं के बीच उच्च स्तरीय तनाव बना हुआ है और सीमा पर दोनों सेनाओं की तैनाती बढ़ गई है।