तनाव के बीच भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच आज पांचवें दौर की बातचीत
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच आज पांचवें दौर की बातचीत होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों देशों के लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के अधिकारियों के बीच यह बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी। बैठक LAC पर चीन की तरफ स्थित मोलडो में होगी। बैठक में भारत का जोर चीनी सेना की पूरी तरह से वापसी और अप्रैल से पहले की यथास्थिति कायम करने पर होगा।
15 घंटे चली थी 14 जुलाई को हुई पिछली बातचीत
15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद से भारत और चीन के सैन्य कमांडर कई बार आपस में बातचीत कर चुके हैं। उनकी बीच आखिरी बातचीत 14 जुलाई को चुशूल में हुई थी, जो लगभग 15 घंटे चली थी। इन बैठकों में बनी सहमति के तहत कुछ इलाकों में दोनों देशों ने अपने सैनिक पीछे हटाए, लेकिन चीन ने वादाखिलाफी करते हुए कई इलाकों से अपने सैनिक नहीं हटाए हैं।
दो जगह पीछे हटे चीन के सैनिक, तीन जगहों पर कोई बदलाव नहीं
चीन के सैनिकों ने LAC पर जिन पांच जगहों पर घुसपैठ की थी, उनमें से दो जगहों- गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग- में तो अपने सैनिक पीछे हटा लिए हैं, लेकिन बाकी इलाकों में स्थिति में अधिक बदलाव नहीं आया है। देपसांग प्लेन्स, गोगरा और पेंगोंग झील के फिंगर्स एरिया में उसके सैनिक अभी भी बने हुए हैं। फिंगर्स एरिया और देपसांग प्लेन्स में तो चीनी सैनिक भारतीय इलाके में बैठे हुए हैं।
अक्साई चिन में चीन ने जमा किए 50,000 सैनिक
इसके अलावा चीन ने अक्साई चिन में भी अपने तकरीबन 50,000 सैनिक जमा कर रखे हैं और इसके कारण उसके मंसूबों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। भारत को आशंका है कि चीन रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण काराकोरम पास पर कब्जा करने की कोशिश कर सकता है और इसी खतरे को देखते हुए उसने काराकोरम के पास दौलत बेग ओल्डी (DBO) में टी-90 मिसाइल टैंक तैनात किए हैं। LAC पर 35,000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती भी की जा रही है।
चीन कर रहा सैनिक पीछे हटाने का झूठा दावा
इस वादाखिलाफी के बावजूद चीन LAC पर ज्यादातर जगहों पर अपनी सेना पूरी तरह से पीछे हटाने का दावा कर रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि अग्रिम मोर्चे पर तैनात दोनों देशों के सैनिक पहले ही ज्यादातर जगहों पर पूरी तरह से पीछे हट चुके हैं। हालांकि भारत ने चीन के दावों का खंडन किया है। भारत का कहना है कि बातचीत के बावजूद गोगरा और पेगोंग झील इलाके में सैनिक आमने-सामने डटे हुए हैं।
भारत ने कहा- चीनी सैनिक पीछे हटने के बाद ही सामान्य होंगे संबंध
इस पूरे प्रकरण के बीच भारत कई बार साफ कर चुका है कि दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य होने के लिए जरूरी है कि चीन को अपने सैनिक पूरी तरह से पीछे हटाने होंगे और अप्रैल से पहले की यथास्थिति को कायम करना होगा।