अमेरिका की चेतावनी, आतंकवाद पर चीन का पाखंड बर्दाश्त नहीं कर सकती दुनिया
क्या है खबर?
जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के पिछले प्रस्ताव को चीन द्वारा वीटो करने के बाद अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर एक बार फिर से प्रस्ताव पेश किया है।
अमेरिका ने बुधवार को 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) समिति के सामने यह प्रस्ताव रखा। इसे ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर बनाया गया है।
उधर, अमेरिका के विदेश मंत्री ने भी दोहरे रवैये के लिए चीन को लताड़ लगाई है।
रणनीति
चीन को छोड़कर बाकी सदस्यों से बात करेगा अमेरिका
नई रणनीति के अनुसार, यह तीनों देश अब चीन को किनारे कर समिति के अन्य सदस्यों से अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर बात करेंगे।
इस प्रस्ताव को पारित होने के लिए आम सहमति की जरूरत नहीं है और अगर समिति के 9 सदस्य भी इसके समर्थन में वोट करते हैं तो अजहर पर प्रतिबंध लग जाएगा।
इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि स्थाई सदस्यों में से कोई भी सदस्य इसे वीटो न करे।
जानकारी
अजहर पर लगेंगे ये प्रतिबंध
अगर प्रस्ताव पारित होता है तो अजहर की संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। साथ ही दुनिया में कहीं भी उसके आवागमन पर रोक लग जाएगी। अजहर के हथियार रखने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लग जाएगा। इस पर वोटिंग कब होगी, अभी यह तय नहीं है।
माइक पोम्पियो
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, मुस्लिमों का दमन बंद करे चीन
प्रस्ताव पेश करने के साथ ही अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने आतंकवाद और मुस्लिमों पर चीन के दोहरे रवैये पर गुस्सा जाहिर किया।
उन्होंने मुद्दे पर धड़ाधड़ ट्वीट किए। अपने पहले ट्वीट में उन्होंने कहा, "चीन ने 10 लाख से अधिक उइगरों, कजाखों और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को बंदी बना रखा है। अमेरिका उनके और उनके परिवार के साथ खड़ा होता है। चीन को अपने दमन का अंत करते हुए इन लोगों को रिहा करना चाहिए।"
चेतावनी
'चीन के पाखंड को बर्दाश्त नहीं कर सकती दुनिया'
अपने दूसरे ट्वीट में पोम्पियो ने कहा, "विश्व मुस्लिमों के प्रति चीन के पाखंड को बर्दाश्त नहीं कर सकता। एक तरफ, चीन अपने घर पर 10 लाख से अधिक मुस्लिमों को प्रताड़ित करता है, वहीं दूसरी तरफ इस्लामिक आतंकवादियों को UN के प्रतिबंध से बचाता है।"
अपने इस ट्वीट में उनका इशारा चीन द्वारा बार-बार अजहर पर प्रतिबंध लगाए जाने के प्रस्ताव को वीटो किए जाने की तरफ था।
चीन अब तक कुल 4 बार ऐसा कर चुका है।
ट्विटर पोस्ट
चीन ने मुस्लिम अल्पसंख्यकों को बना रखा बंदी- पोम्पियो
The world cannot afford China’s shameful hypocrisy toward Muslims. On one hand, China abuses more than a million Muslims at home, but on the other it protects violent Islamic terrorist groups from sanctions at the UN.
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) March 27, 2019
वीटो
वीटो अधिकार का गलत इस्तेमाल करता रहा है चीन
बता दें कि UNSC में किसी प्रस्ताव पर आम सहमति बनने पर भी कोई भी स्थाई सदस्य इसे वीटो कर सकता है।
इसमें केवल अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन को स्थाई सदस्यता प्राप्त है।
चीन अपने वीटो अधिकार का दुरुपयोग मसूद अजहर को बचाने और पाकिस्तान को किसी भी अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई से संरक्षण प्रदान करने के लिए करता रहा है।
लेकिन बदलते अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य और अमेरिका की नाराजगी के बीच उसके लिए ऐसा जारी रखना मुश्किल होगा।
चीन का वीटो
चार बार मसूद अजहर को बचा चूका है चीन
इसी महीने चीन ने एक बार फिर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की प्रक्रिया में रोड़ा अटका दिया था।
यह चौथी बार था जब चीन ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर वीटो किया हो।
भारत ने चीन द्वारा इस प्रस्ताव पर वीटो करने के फैसले पर निराशा जताई थी।
अमेरिका ने चीन द्वारा वीटो का इस्तेमाल किए जाने पर उसे सख्त लहजे में चेतावनी दी थी।
रणनीति
पाकिस्तान की मदद क्यों कर रहा है चीन?
चीन पाकिस्तान में भारी आर्थिक निवेश कर रहा है और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
यही कारण है कि वह हर बार पाकिस्तान के साथ खड़ा होता है और उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर समर्थन प्रदान करता है।
इसके अलावा चीन, भारत और अमेरिका की दोस्ती को अपने लिए खतरे के तौर पर देखता है। इसलिए वह चाहता है कि भारत आतंक के मसले से जूझता रहे।