Page Loader
उत्तर प्रदेश में 74 एनकाउंटर की जांच हुई पूरी, सभी में पुलिस को क्लीन चिट

उत्तर प्रदेश में 74 एनकाउंटर की जांच हुई पूरी, सभी में पुलिस को क्लीन चिट

Jul 11, 2020
08:43 am

क्या है खबर?

विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार इसकी जांच कराएगी। हालांकि, इस जांच के नतीजे के बारे में कुछ लोग पहले ही अंदाजा लगा चुके हैं। अगर अभी तक के रिकॉर्ड को देखे तो मार्च, 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश में 119 आरोपियों का एनकाउंटर हुआ है। इनमें से 74 के मामलों में पुलिस को क्लीन चिट मिल चुकी है।

जानकारी

61 मामलों की क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में स्वीकार

दरअसल, एनकाउंटर के बाद मजिस्ट्रेट इसकी जांच करते हैं। योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में हुए कुल एनकाउंटर्स में से 74 में पुलिस को क्लीन चिट मिली है। 61 मामलों में कोर्ट ने पुलिस द्वारा दायर की गई क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है।

एनकाउंटर

अभी तक 13 पुलिसकर्मियों की गई जानें

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक उत्तर प्रदेश में 6,145 ऐसे अभियान चलाए गए हैं, जिनमें 119 आरोपियों की मौत हुई है और 2,259 घायल हुए हैं। वहीं इन सभी अभियानों में 13 पुलिसकर्मियों की जान गई है, जिनमें कानपुर में पिछले हफ्ते मारे गए आठ पुलिसकर्मी शामिल है। इनके अलावा कुल 885 पुलिसवाले घायल हुए हैं। साफ और विस्तृत गाइडलाइंस के बावजूद इनकी जांच में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता।

सुनवाई

एनकाउंटर को सुप्रीम कोर्ट बता चुकी है 'बहुत गंभीर मामला'

सुप्रीम कोर्ट ने भी उत्तर प्रदेश में हो रहे एनकाउंटर को लेकर चिंता जताई थी। पिछले साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने इसे 'बहुत गंभीर मामला' बताया था। पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) ने उत्तर प्रदेश में हुए 1,000 से ज्यादा एनकाउंटर को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले में जुलाई, 2018 से फरवरी, 2019 के बीच चार बार सुनवाई हुई थी, लेकिन उसके बाद से एक बार भी इसे नहीं सुना गया है।

एनकाउंटर

मानवाधिकार आयोग भेज चुका है तीन नोटिस

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एनकाउंटर में मारे गए आरोपियों के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को कम से कम तीन नोटिस भेज चुका है। इनके जवाब में हर बार राज्य सरकार ने पुलिसकर्मियों की कार्रवाई का बचाव करते हुए एक जैसा जवाब भेजा है। इसके बाद से मामला आगे नहीं बढ़ा है। एनकाउंटर में हुई मौतों की जांच में देरी होना स्वाभाविक है, वहीं राज्य सरकार भी पुलिस के खिलाफ किसी कार्रवाई की आलोचना करती रही है।

एनकाउंटर

एनकाउंटर को 'उपलब्धि' के तौर पर पेश कर रही उत्तर प्रदेश सरकार

एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट, मानवाधिकार आयोग और दूसरे लोग एनकाउंटर पर सवाल उठाते रहे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश सरकार इन्हें अपनी 'उपलब्धि' के तौर पर पेश करती रही है। इसे लेकर पिछले गणतंत्र दिवस पर राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को इससे जुड़ा पत्र भी भेजा था। यह बात ध्यान रखने वाली है कि जिलाधिकारी पर ही पुलिस द्वारा मारे गए आरोपियों के मामले में स्वतंत्र जांच कराने की जिम्मेदारी है।

ताजा मामला

शुक्रवार को किया गया था विकास दुबे का एनकाउंटर

कुख्यात अपराधी और आठ पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमले के मुख्य आरोपी विकास दुबे का शुक्रवार को एनकाउंटर किया गया था। उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद स्पेशल टास्क फोर्स (STF) उसे कानपुर लेकर आ रही थी। पुलिस ने बताया कि रास्ते में विकास दुबे को ले जा रही गाड़ी पलट गई। भागने की कोशिश करते हुए उसने पुलिस पर फायरिंग की। जवाबी फायरिंग में उसे गोली लग गई। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।