फर्रुखाबाद: 11 घंटे चला बच्चों को छुड़ाने का ऑरेशन, जानिये शुरुआत से आखिर तक की कहानी
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में 21 बच्चों को बंधक बनाने के आरोपी की पत्नी को लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला। इससे पहले आरोपी सुभाष बाथम की पुलिस ने मार गिराया था। पूरा मामला गुरुवार दोपहर से शुरू हुआ, जब मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र में आने वाले करथिया में सुभाष नाम के शख्स ने जन्मदिन मनाने के नाम पर 21 बच्चों को अपने घर बुलाया और बंधक बना लिया। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद बच्चों को बाहर निकाला।
बेटी के जन्मदिन के बहाने बच्चों को बुलाया घर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुभाष बाथम ने अपनी बेटी के जन्मदिन की बात कहकर कुछ बच्चों को अपने घर बुलाया और उन्हें बंधक बना लिया। हत्या के आरोप में कई साल जेल में रह चुके सुभाष ने अपने घर में हथियार जमा कर रखे थे। उसने बच्चों को धमकाकर चुप कराया। जब बच्चे वापस अपने घर नहीं लौटे तो उनके घरवाले उन्हें लेने के सुभाष के घर पहुंचे। उन्हें देखते ही सुभाष ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी।
बच्चों के परिजनों पर आरोपी ने की फायरिंग
अचानक हुई इस फायरिंग से लोग सकते में आ गए और पुलिस को सूचना दी। पुलिसकर्मियों ने जब वहां पहुंचकर सुभाष से बात करने की कोशिश तो उसने पुलिस पर भी हमला कर दिया। इसके बाद मामले की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दी। जब पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे तो उन्हें देखकर सुभाष ने घर के अंदर धमाका कर दिया। इससे बच्चों की सुरक्षा की चिंता और बढ़ गई। धमाके में एक इंस्पेक्टर समेत दो पुलिसकर्मी घायल हो गए।
आरोपी ने अपने दोस्त पर भी चलाई गोली
हालात बिगड़ते देख और पुलिसबल को मौके पर बुलाया गया। पुलिस ने पता लगाया कि 20 से ज्यादा बच्चे सुभाष के पास बंधक थे। पुलिस उससे बच्चों को रिहा कर देने की मांग कर रही थी, लेकिन वह किसी की सुनने को तैयार नहीं था। पुलिस ने आरोपी को मनाने के लिए उसके दोस्त को बात करने भेजा, लेकिन उसने अपने दोस्त पर भी फायरिंग कर दी। स्थिति हाथ से निकलती देख पुलिस ने एंटी-टेररिस्ट स्कवॉड (ATS) की मदद मांगी।
दिल्ली से रवाना हुई NSG कमांडो की टीम
शाम लगभग 8 बजे ATS टीम फर्रुखाबाद के लिए रवाना हुई। दूसरी तरफ पुलिस ने आरोपी के घर को चारों ओर से घेर लिया। गांव वाले भी इस काम में पुलिस की मदद कर रहे थे। इसी दौरान आरोपी ने पुलिस से बच्चों के लिए बिस्किट आदि सामान मांगा, जो उसे उपलब्ध कराया गया। वहीं बच्चों की सही सलामत निकालने के लिए दिल्ली से नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स (NSG) टीम भी फर्रुखाबाद के लिए रवाना हो गई।
योगी आदित्यनाथ ने पुलिस को लगाई फटकार
लगभग 9 बजे तक ATS टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। ड्रोन के जरिये आरोपी के घर की तस्वीरें ली गईं, जिनसे पता चला कि उसने भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक जमा कर रखा है। दूसरी तरफ हालात की समीक्षा करने के लिए योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इसमें बच्चों को सुरक्षित बाहर लाने के निर्देश दिए गए। साथ ही योगी ने स्थानीय पुलिस को स्थिति न संभाल पाने के लिए फटकार लगाई।
सुभाष ने लगाया अधिकारियों पर सुविधाएं न देने का आरोप
रात 11 बजे के आसपास सुभाष ने दो साल के बच्चे को अपनी पत्नी के साथ बाहर भेजा। उसकी पत्नी के पास एक पत्र था। पत्र में सुभाष ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर और शौचालय जैसी सुविधाएं देने से इनकार कर दिया। साथ ही उसने स्थानीय विधायक को मौके पर बुलाने की मांग की। पुलिस ने इस दौरान उसे बातों में लगाए रखा और दूसरी तरफ रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था।
लगभग 11 घंटे तक चला पूरा ऑपरेशन
रात के करीब एक बजे पुलिस उसके घर में घुसी और सुभाष को ढ़ेर कर दिया। वहीं जब उसकी पत्नी घर से बाहर आई तो आक्रोशित लोगों ने उसकी पिटाई शुरू कर दी। उसे घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। सुभाष की एक साल की बच्ची भी है जिसे प्रशासन ने सुरक्षित जगह पहुंचा दिया है। इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम के लिए ईनाम की घोषणा की गई है।