
शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दायर की चार्जशीट, लगाया देशद्रोह का आरोप
क्या है खबर?
दिल्ली पुलिस ने पिछले साल 15 दिसंबर को राजधानी में हुई हिंसा के मामले में शनिवार को साकेत कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है।
इसमें जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के PhD छात्र शरजील इमाम पर देशद्रोही भाषण देकर दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया है।
आरोप में कहा गया है कि शरजील के भाषण ने दुश्मनी को बढ़ावा दिया। इस मामले में पहली चार्जशीट राजेश देव के नेतृत्व में SIT द्वारा गिरफ्तार दंगाइयों के खिलाफ दायर की गई थी।
आरोप
चार्जशीट में शरजील पर लगाए गए हैं यह आरोप
पुलिस ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि शरजील ने 13 दिसंबर को जामिया यूनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद 15 दिसंबर को नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में जमकर हिंसा हुई थी।
उपद्रवियों ने बसों को आग लगा दी और पुलिस पर पथराव किया। जिसके बाद पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी। जांच में मिले सबूतों से पुष्टि होती है कि शरजील के देशविरोधी भाषण से ही हिंसा भड़की थी।
जानकारी
शरजील के वकील ने कहीं चार्जशीट नहीं पढ़ने की बात
शरजील इमाम के वकील अहमद इब्राहिम ने कहा कि दिल्ली पुलिस की ओर से शनिवार को प्रस्तुत की गई चार्जशीट को उन्होंने अभी तक नहीं पढ़ा है। इसे पढ़ने के बाद ही वह आगे की कार्रवाई के लिए उचित कदम उठाएंगे।
गिरफ्तारी
पुलिस ने 28 जनवरी को किया था शरजील को गिरफ्तार
पुलिस ने देशद्रोह के आरोप में शरजील इमाम को 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया था।
इसके बाद 17 फरवरी को उसे न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में हुई हिंसा के मामले में एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। अगले दिन उसकी रिमांड की अवधि 3 मार्च तक बढ़ा दिया गया।
कुछ लोगों ने शरजील को शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन का सूत्रधार बताया था, लेकिन वहां के प्रदर्शनकारियों ने इससे इनकार किया था।
जानकारी
2 जनवरी को शरजील ने खुद को प्रदर्शन से कर लिया था अलग
पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि शरजील शुरुआत में शाहीन बाग के प्रदर्शन से जुड़े हुए थे। जब उनकी प्रदर्शन खत्म करने की बात नहीं मानी गई तो उन्होंने खुद को 2 जनवरी को इस प्रदर्शन से अलग कर लिया था।
देशद्रोही बयान
असम को भारत से अलग करने के बयान पर दर्ज किया गया था देशद्रोह का मामला
शरजील ने 16 जनवरी को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देते हुए कहा था, "असम को भारत के शेष हिस्से से काट दिया जाना चाहिए तभी वह हमारी बात सुनेंगे। वहां मुस्लिम की या तो हत्या हो रही है या उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जा रहा है। असम को भारत के शेष हिस्से से स्थाई या अस्थाई रूप से अलग किया जा सकता है।"
इस बयान के बाद उन पर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया था।
जानकारी
शरजील पर पांच राज्यों में दर्ज किए गए थे मामले
बता दें कि शराजील पर दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने भी देशद्रोह का मामला दर्ज किया था। दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ IPC की धारा 124A, 153A और 505 के तहत मामला दर्ज किया है।
परिचय
कौन हैं शरजील इमाम?
जहानाबाद के रहने वाले शरजील इमाम ने IIT बॉम्बे से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने कुछ दिन तक वहां अध्यापन कार्य भी किया था।
स्नातक के बाद उन्होंने बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में दो साल तक डेवेलपर के रूप में काम किया।
2013 में उन्होंने JNU से आधुनिक इतिहास में मास्टर्स करने के लिए प्रवेश लिया था। यहां से MPhil करने के बाद वो फिलहाल PhD कर रहे थे।