
आतंकवाद के खिलाफ भारत को मिला जापान-UAE का साथ, प्रतिनिधिमंडल ने किया पाकिस्तान को बेनकाब
क्या है खबर?
आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब करने और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर जानकारी देने के लिए भारत के 2 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जापान और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) पहुंच चुके हैं।
इस दौरान जापान और UAE ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन किया है।
जापान जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जनता दल यूनाइटेड (JDU) सांसद संजय झा और UAE के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने किया।
UAE
UAE ने कहा- इस्लाम निर्दोष नागरिकों की हत्या करना नहीं सिखाता
शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने पहले अबू धाबी में UAE के सहिष्णुता और सह-अस्तित्व मंत्री शेख नाहयान मुबारक अल नाहयान से मुलाकात की।
इसके बाद UAE के संसदीय सहयोगियों के साथ भी बैठक की। इसमें प्रतिनिधिमंडल ने अपने मिशन और 'ऑपरेशन सिंदूर' से सहयोगियों को अवगत कराया।
बैठक के दौरान UAE के अधिकारियों ने भारत के राजनयिक मिशन के प्रति अपनी सहायता व्यक्त की और कहा कि इस्लाम निर्दोष नागरिकों की हत्या करना नहीं सिखाता है।
जापान
जापान बोला- मजबूती से भारत के साथ
झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया से मुलाकात की। इवाया ने इस दौरान कहा, "आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में जापान भारत के साथ खड़ा है।"
बता दें कि इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज, अतुल गर्ग, मनन कुमार मिश्रा, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के ईटी मोहम्मद बशीर, बीजू जनता दल सांसद सस्मित पात्रा, भाजपा नेता एसएस अहलूवालिया और राजदूत सुजान चिनॉय शामिल हैं।
बयान
आतंकवाद मानवता के लिए खतरा- UAE
UAE संघीय राष्ट्रीय परिषद के रक्षा मामलों, आंतरिक और विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष डॉक्टर अली राशिद अल नूमी ने कहा, "आतंकवाद का कोई धर्म या राष्ट्रीयता नहीं होती। यह पूरी मानवता के लिए एक बुराई है। हम इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद सिर्फ़ एक राष्ट्र या क्षेत्र के लिए ही खतरा नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक खतरा है। हमारा मानना है कि हमें एक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रूप में एक साथ आना चाहिए।"
प्रतिनिधिमंडल
अलग-अलग देशों में जाएंगे भारत के 7 प्रतिनिधिमंडल
आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए एक बड़े कूटनीतिक कदम के तहत केंद्र सरकार 7 प्रतिनिधिमंडल को अलग-अलग देशों में भेज रही हैं।
इन सभी प्रतिनिधिमंडल में 59 सदस्य हैं, जिनमें विपक्ष के नेता और राजदूत भी शामिल हैं।
इन प्रतिनिधिमंडलों की अगुवाई कांग्रेस सांसद शशि थरूर, भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) सांसद कनिमोझी करुणानिधि और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सांसद सुप्रिया सुले कर रही हैं।
देश
कहां-कहां जाएंगे प्रतिनिधिमंडल?
ये प्रतिनिधिमंडल समूह सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ, इटली, डेनमार्क, लाइबेरिया, कांगो, सिएरा लियोन, अमेरिका, पनामा, गुयाना, कोलंबिया, ब्राजील, इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लातविया, रूस, मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका जाएंगे।
यह प्रतिनिधिमंडल विदेशी सरकारों, थिंक टैंकों और मीडिया के साथ बातचीत करेंगे, ताकि पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के संदर्भ में 'ऑपरेशन सिंदूर' की जरूरत पर भारत का दृष्टिकोण पेश किया जा सके।