सुप्रीम कोर्ट ने पलटा इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला, अब फिर से बजेंगे DJ
उत्तर प्रदेश में लोग अब फिर से शादी सहित अन्य समारोह में DJ की धुन पर थिरक सकेंगे। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से राज्य में DJ बजाने पर लगाई गई रोक को हटा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट का आदेश न्यायोचित नहीं है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी किए गए लाइसेंस के आधार पर DJ सेवा को फिर से शुरू किया जा सकता है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अगस्त 2019 में लगाई थी DJ पर रोक
लाइव लॉ के अनुसार, 2019 में कुछ लोगों ने DJ के शोर को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए होई कोर्ट ने अगस्त 2019 में शादी समारोहों में DJ बजने से पैदा होने वाले शोर को अप्रिय और बेहूदा स्तर का बताते हुए इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इसके अलावा कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भी कई अन्य निर्देश पारित किए थे।
हाई कोर्ट ने प्रतिबंध के पीछे यह दिया था तर्क
हाई कोर्ट ने आदेश में कहा था कि भले ही DJ को न्यूनतम स्तर की आवाज पर चलाया जा रहा हो, लेकिन यह नियम, 2000 की अनुसूची के तहत निर्धारित सीमा से अधिक है। कोर्ट ने कहा था कि एक DJ कई एम्पलीफायरों से बना होता है और उससे निकलने वाली आवाज हजार डेसिबल से भी अधिक होती है। यह मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं, विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए।
DJ संचालकों ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले को DJ संचालकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उसमें कहा गया था कि वह शादी, जन्मदिन पार्टी और खुशी के अन्य मौकों पर अपनी सेवाएं देकर रोजी-रोटी चलाते हैं। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश से उनकी आजीविका पर संकट आ गया है। कोर्ट ने एक याचिका पर संबंधित DJ संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जगह पूरे राज्य के लिए आदेश जारी कर दिया। यह आदेश उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
सुप्रीम कोर्ट ने नंवबर 2019 में दी थी अंतरित राहत
DJ संचालकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस यूयू ललित और विनीत सरन की पीठ ने 18 नवंबर, 2019 को हाई कोर्ट के आदेश में रोक लगाते हुए अंतरिम राहत दी थी। उस दौरान कोर्ट ने सरकार को राज्य में DJ लागू ध्वनि प्रदूषण कानून के अनुसार संचालन की अनुमति मांगने वाले आवेदनों पर विचार करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि वह सभी नियमों का पालन करते हैं तो DJ बजा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया यह जवाब
मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कहा गया कि 4 जनवरी, 2018 को सरकार ने DJ और इंडस्ट्रियल एरिया में तेज शोर को लेकर दिशानिर्देश जारी किया था। इसमें DJ को अत्यधिक तेज आवाजा करने वाला माना गया था। सरकार ने बताया कि मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक 2019 से राज्य में DJ का संचालन पूरी तरह से बंद है। सरकार नियमों का पालन बहुत अच्छे तरीके से करा रही है।
सुप्रीम कोर्ट पलटा इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला
मामले में गुरुवार को जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बदल दिया और उत्तर प्रदेश में DJ पर लगी रोक को हटा दिया। कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट का आदेश न्यायोचित नहीं है। हालांकि, आदेश देते समय कोर्ट ने साफ कर दिया कि ध्वनि प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाए। राज्य सरकार से लाइसेंस लेकर ही DJ बजाया जा सकेगा।