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प्रतिबंधित PFI के थे तुर्की के कट्टरपंथी संगठन से संबंध- रिपोर्ट
प्रतिबंधित PFI के थे तुर्की के कट्टरपंथी संगठन से संबंध- रिपोर्ट

प्रतिबंधित PFI के थे तुर्की के कट्टरपंथी संगठन से संबंध- रिपोर्ट

Sep 29, 2022
06:08 pm

क्या है खबर?

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगने के बाद इससे जुड़ी कई जानकारियां सामने आ रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि PFI के तुर्की के एक कट्टरपंथी समूह से संबंध थे, जो सीरिया में अलकायदा से जुड़े आतंकियों को हथियार मुहैया कराता था। इस समूह ने PFI के दो नेताओं की मेजबानी भी की थी। इस संगठन का नाम फाउंडेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स एंड फ्रीडम एंड ह्यूमैनिटेरियन रिलीफ है और इसे आमतौर पर IHH नाम से जाना जाता है।

जानकारी

तुर्की की खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर काम करता है IHH

IHH खुद को मानवाधिकारों के लिए काम करने वाला संगठन बताता है, लेकिन जांच में पता चला कि यह अलकायदा से जुड़ा चैरिटी समूह है, जिसने जनवरी, 2014 में सीरिया में आतंकवादियों को हथियार पहुंचाए थे। यह संगठन तुर्की की खुफिया एजेंसी MIT के साथ मिलकर काम करता है। समाचार एजेंसी PTI की खबर के अनुसार, IHH ने PFI की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य ईएम अब्दुल रहीमान और पी कोया की इस्तांबुल में मेजबानी की थी।

सवाल

इसलिए PFI की मेजबानी पर उठ रहे सवाल

तुर्की की खुफिया एजेंसी से जुड़े एक आतंकी चैरिटी ग्रुप की PFI पदाधिकारियों से बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन मुस्लिम समाज के वैश्विक नेता के तौर पर दक्षिण-पूर्वी एशिया में अपनी पहुंच बढ़ाना चाह रहे हैं। PFI का तुर्की कनेक्शन इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि संगठन ने 2016 में कथित तख्तापलट की कोशिश के बाद अर्दोआन के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की थी।

समर्थन

तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी ने लिया था PFI का पक्ष

तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी ने PFI को नागरिक और सामाजिक ग्रुप करार देते हुए कहा था कि इसके सदस्यों पर भारतीय पुलिस जुल्म ढहा रही है। अधिकरियों ने कहा कि PFI और IHH एक-दूसरे के एक-दूसरे के लिए फिट साझेदार साबित होते हैं क्योंकि दोनों ही आतंकवाद को बढ़ावा देते आ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि PFI की एक और चरमपंथी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से भी समानता पाई गई है।

जानकारी

PFI पर लगा है पांच साल का प्रतिबंध

केंद्र सरकार ने मंगलवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और इसके सभी सहयोगी संगठनों और मोर्चों पर प्रतिबंध लगा दिया है। गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत लगाया गया यह प्रतिबंध पांच साल तक लागू रहेगा। बता दें कि PFI के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से कार्रवाई जारी थी और इसके शीर्ष नेतृत्व समेत करीब 300 नेताओं और पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सरकार ने कहा कि PFI का आतंकी संगठनों से संबंध पाया गया था।

PFI

न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)

PFI एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन था, जो खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला संगठन बताता था। यह पहली बार 22 नवंबर, 2006 को केरल में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के नाम से अस्तित्व में आया था। तब उसने संगठन ने दिल्ली के रामलीला मैदान में नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस आयोजित कर सुर्खियां भी बटोरी थीं। रामनवमी के मौके समेत कई जगहों पर हो चुकी सांप्रदायिक हिंसाओं में PFI का नाम आ चुका था।