तिरंगा हाथ में लेकर पुल पर चढ़ा युवक, बोला- जब तक चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर....
क्या है खबर?
आपने देशप्रेम की भावना तो अकसर कई लोगों में देखी होगी और वाह-वाही भी जरुर दी होगी।
लेकिन अगर आप इस युवक के देशप्रेम के बारे में सुनेंगे। तो आप उसको वाह-वाही की जगह सनकी या पागल कहना शुरु कर देंगे।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक सनकी युवक ने बीती रात कुछ ऐसा किया जिसने पुलिस प्रशासन के होश उड़ा दिए।
आइए जानें क्या है पूरी खबर।
घटना
पुल के पिलर पर चढ़ा युवक
युवक के हाई वोल्टेज ड्रामे को देखने के लिए काफी लोग पुल के पास इकट्ठे हो गए थे।
आप सोच रहें होंगे कि आखिर वह युवक पुल के पिलर पर चढ़ा ही क्यों था, तो आपको बता दें कि यह युवक तिरंगा लेकर चंद्र देव से प्रार्थना करने के लिए पुल के पिलर पर चढ़ा था।
इस युवक का कहना था कि जब तक लैंडर विक्रम का ISRO से संपर्क नहीं होगा वह नीचे नहीं उतरेगा।
कोशिश
पुलिस प्रशासन ने की युवक को नीचे उतारने की कोशिश
मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन ने बहुत कोशिश की कि वह उस युवक को पिलर से उतार लें। लेकिन उस युवक ने प्रशासन की बात नहीं मानी।
घंटो मशक्कत के बाद उस युवक ने एक लोहे की प्लेट के सहारे एक पेज पर अपना संदेश लिखकर भेजा।
उसमें लिखा था, "जब तक चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का संपर्क इसरो से नहीं हो जाता, तब तक मैं चंद्र देव से प्रार्थना करता रहूँगा। रजनीकांत"
परिणाम
परेशान होकर वापस चली गई पुलिस
युवक का संदेश मिलने के घंटों बाद भी देर रात 11 बजे तक पुलिसकर्मीयों ने युवक को समझाकर नीचे उतारने की बहुत सी कोशिशें की, लेकिन पुलिसकर्मियों की कोशिशों का उस युवक पर कोई भी असर नहीं हुआ।
इतनी मशक्कतों के बाद तो पुलिस ने सबसे पहले पुल पर से भीड़ को उतारा और फिर खुद भी वहां से चली गई।
जानकारी के अनुसार युवक रात करीब 8 बजे पुल पर चढ़ा था।
जानकारी
पहले भी पुल के पिलर पर चढ़ चुका है युवक
युवक का नाम रजनीकांत है, जो प्रयागराज के यमुनापार के मांडा थाना इलाके का रहने वाला है। उसकेे घर के पास रहने वाले लोगों ने बताया कि इससे पहले भी वह युवक पर्यावरण बचाने को लेकर यमुना ब्रिज के पिलर पर चढ़ चुका है।
जानकारी
अभी तक नहीं हो पाया ISRO का विक्रम लैंडर से संपर्क
ISRO ने चंद्रयान-2 मिशन के तहत विक्रम लैंडर को चांद की सतह पर उतारने का फैसला किया था।
7 सितंबर को इसे चांद पर लैंड करना था, लेकिन लैंडिंग से ठीक 90 सेकंड पहले ही ISRO कंट्रोल रूम से इसका संपर्क टूट गया था।
उस वक्त यह चांद की सतह से सिर्फ 2.1 किलोमीटर दूर था। इसके बाद से ISRO इससे संपर्क करने की कोशिशें कर रहा है लेकिन अभी तक कोई संपर्क नहीं हो पाया है।