अग्निपथ योजना: प्रदर्शनकारियों को वायुसेना प्रमुख की चेतावनी, कहा- नहीं होगा पुलिस वेरिफिकेशन
सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना का देश के कई हिस्सों में भारी विरोध हो रहा है। उत्तर प्रदेश, बिहार और तेलंगाना समेत कई राज्यों में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ और आगजनी करते हुए सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। अब प्रदर्शनों में शामिल रहने वाले युवाओं को वायुसेना प्रमुख ने चेतावनी देते हुए कहा है कि उन्हें भर्ती के लिए जरूरी पुलिस क्लियरेंस नहीं मिलेगी। आइये, जानते हैं कि उन्होंने और क्या-क्या बातें कहीं।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इसमें युवाओं को सेना के नियमित कैडर में सेवा करने का मौका दिया जाएगा। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। इसके तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा।
हिंसक प्रतिक्रिया की नहीं थी उम्मीद- चौधरी
इंडिया टुडे से बात करते हुए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इस योजना के विरोध में ऐसे हिंसक प्रतिक्रिया होगी। उन्होंने कहा कि ऐसी संभावना थी कि योजना लॉन्च होने के बाद युवाओं के दिमाग में इससे जुड़े कुछ सवाल हो सकते हैं, जिनका स्पष्टीकरण दिया जा सकता है। जिन युवाओं को इससे जुड़ी आशंकाएं हैं, वो नजदीकी सैन्य ठिकाने पर जाकर उनका निराकरण कर सकते हैं।
हिंसक घटनाओं की निंदा की
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने प्रदर्शनों में शामिल युवाओं को चेताया कि उन्हें आगे चलकर इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। उन्होंने कहा, "हम इस तरह की हिंसा की निंदा करते हैं। यह समाधान नहीं है। आखिरी चरण पुलिस सत्यापन का होता है। अगर कोई शामिल होता है तो उन्हें पुलिस से क्लियरेंस नहीं मिलेगी।" वायु सेना प्रमुख ने अग्निपथ योजना को सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम करार दिया है।
चिंताओं के समाधान की कोशिश कर रही सरकार- चौधरी
युवाओं के प्रदर्शन पर एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि सरकार चिंताओं का समाधान करने की हरसंभव कोशिश कर रही है। योजना की वापसी को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, "इसके पूरी तरह लागू होने के बाद हम देखेंगे कि इसमें बदलाव की जरूरत है या इसमें किसी सुधार की जरूरत होती है।" उन्होंने यह भी कहा कि चार साल सेना में काम करने के बाद अग्निवीरों के पास कई विकल्प मौजूद होंगे।
राजनाथ सिंह ने की उच्च स्तरीय बैठक
शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अहम बैठक की थी। इसमें अग्निपथ योजना को लागू करने और आक्रोशित युवाओं को शांत करने के कदमों पर विचार किया गया।
रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में अग्निवीरों को मिलेगा आरक्षण
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत के आरक्षण वाले प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है। इसके तहत भारतीय तटरक्षक, रक्षा नागरिक पदों और 16 रक्षा PSUs में अग्निवीरों को आरक्षण दिया जाएगा। यह पूर्व सैन्यकर्मियों को मिलने वाले आरक्षण से अलग होगा। इससे पहले गृह मंत्रालय ने असम राइफल्स और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में भी 10 प्रतिशत आरक्षण का ऐलान किया था।
भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को तैयार सेना
अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे विरोध के बीच शुक्रवार को तीनों सेनाओं ने कहा कि वो जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को तैयार है। शुक्रवार को भारतीय सेना ने कहा कि भर्ती को लेकर अगले दो दिनों के भीतर अधिसूचना जारी की जाएगी, वहीं वायुसेना 24 जून से भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी। नौसेना की तरफ से कहा गया है कि नए जवानों की भर्ती की प्रक्रिया बेहद जल्द शुरू होगी।