भारतीय वायुसेना को मिलेंगे 83 तेजस लड़ाकू विमान; 48,000 करोड़ रुपये की डील को मंजूरी
क्या है खबर?
भारतीय वायुसेना (IAF) के बेड़े में अब 83 नए तेजस लड़ाकू विमान शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल समिति (CCS) की बैठक में विमानों की खरीद के लिए 48,000 करोड़ रुपये की डील को मंजूरी दे दी है।
इस डील के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बनाए गए तेजस विमानों को खरीदा जाएगा। यह भारत की अब तक की सबसे बड़ी स्वदेशी रक्षा खरीद होगी।
जानकारी
मार्च 2020 में शुरु हुई थी विमान खरीद की मुहिम
बता दें कि मार्च 2020 में डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने 83 अडवांस्ड Mk-1A वर्जन तेजस विमान की खरीदारी की बात पर मुहर लगाई थी। अब प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली CCS ने इस डील के अधिग्रहण की अधिकारिक मंजूरी जारी कर दी है।
खरीद
इस डील के तहत खरीदे जाएंगे ये विमान
इस डील में 73 हल्के लड़ाकू विमान तेजस Mk-1A और 10 तेजस Mk-1 ट्रेनर विमान खरीदें जाएंगे।
इन विमानों को HAL द्वारा भारत में ही तैयार किया जाएगा। योजना के अनुसार 2026 तक सभी विमान मिल जाएंगे।
इन विमानों के निर्माण से पहले HAL द्वारा IAF को पहले दिए गए 40 तेजस Mk-1 विमानों का नवीनीकरण भी किया जाएगा।
इस सौदे की लागत 45,696 करोड़ रुपये है, इसके अलावा 1,202 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए हैं।
बयान
डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता के लिए गेम चेंजर साबित होगी डील- राजनाथ सिंह
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर इस डील की जानकारी दी है।
उन्होंने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली CCS ने ऐतिहासिक रूप से सबसे बड़ी स्वदेशी रक्षा डील को मंजूरी दे दी है। यह 48,000 करोड़ रुपये की डील है। इससे वायुसेना के बेड़े की ताकत स्वदेशी 'LCA तेजस' के जरिए मजबूत होगी और भारत की डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग के लिए यह डील पूरी तरह से गेम चेंजर के रूप में साबित होगी।
जानकारी
विमान के निर्माण में काम में लिए जाएंगे 60 प्रतिशत स्वदेशी उपकरण
गौरतलब है कि लाइट कॉम्बेट Mk-1A वेरिएंट स्वदेश में डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया आधुनिक पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। इसे बेंगलुरु के हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बनाया है। वर्तमान में इसमें 50 प्रतिशत उपकरण स्वदेशी है, जिसे 60 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा।
बैकबोन
आगामी सालों में IAF के लिए बैकबोन साबित होंगे तेजस विमान- सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक अन्य ट्वीट कर लिखा कि तेजस विमान आगामी वर्षों में भारतीय वायुसेना के लिए 'बैकबोन' साबित होने जा रहे हैं।
HAL ने अपनी सेकंड लाइन मैन्यूफैक्चरिंग सेट अप की शुरुआत नाशिक और बेंगलुरु डिविजन में शुरू कर दी है।
उन्होंने कहा कि आज लिया गया निर्णय मौजूदा LCA तंत्र का काफी विस्तार करेगा और नौकरी के नए अवसर पैदा करने में मदद करेगा, जो भारत की प्रगति में सहायक बनेगा।
ताकत
हवा से हवा और जमीन में मिसाइल दागने में सक्षम है तेजस विमान
तेजस विमान हवा से हवा में और जमीन पर मिसाइल दागने में सक्षम हैं। इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं।
तेजस 42 प्रतिशत कार्बन फाइबर और 43 प्रतिशत एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है।
यह स्वदेशी चौथी पीढ़ी का टेललेस कंपाउंड डेल्टा विंग विमान है और सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों के समूह में सबसे हल्का और सबसे छोटा है।
हल्के लड़ाकू विमानों को पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान सीमा के करीब तैनात किया गया है।