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ISRO आज लॉन्च करेगा GSAT-7A, बढ़ेगी भारतीय वायुसेना की ताकत

ISRO आज लॉन्च करेगा GSAT-7A, बढ़ेगी भारतीय वायुसेना की ताकत

Dec 19, 2018
11:20 am

क्या है खबर?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज कम्यूनिकेशन सैटेलाइट GSAT-7A लॉन्च करेगा। इस सैटेलाइट को श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से शाम 4 बजकर 10 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा। इसे भारतीय वायुसेना के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जैसे ही यह जियो ऑरबिट में पहुंचेगा, इसके जरिए वायुसेना के सभी ग्राउंड रडार स्टेशन, एयरबेस और AWACS आपस में जुड़ जाएंगे। साथ ही वायुसेना की ड्रोन ऑपरेशन और मानवरहित एरियल व्हीकल (UAV) की ताकत भी बढ़ेगी।

ट्विटर पोस्ट

लॉन्चिंग की काउंटडाउन शुरू

फीचर

सैटेलाइट के खास फीचर्स

इस सैटेलाइट की लागत Rs. 500-800 करोड़ है। इसमें 4 सोलर पैनल लगे हैं जो 3.3 किलोवाट बिजली पैदा कर सकेंगे। 2,250 किलोग्राम वजन वाले इस कम्यूनिकेशन सैटेलाइट का जीवन आठ साल है। इसे रॉकेट लॉन्चर GSLV-F11 की सहायता से लॉन्च किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में वायुसेना के लिए एक और सैटेलाइट GSAT-7C लॉन्च किया जा सकता है। इसके बाद वायुसेना के ऑपरेशनल नेटवर्क में और मजबूती आएगी।

सैटेलाइट

नौसेना के लिए लॉन्च किया गया था GSAT-7

ISRO ने इससे पहले GSAT-7 सैटेलाइट लॉन्च किया था। नौसेना के काम आने वाला यह सैटेलाइट साल 2013 में लॉन्च किया गया था। भारतीय नौसेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इस सैटेलाइट को 'रूक्मणि' नाम से भी जाना जाता है। यह सैटलाइट नौसेना के युद्धक जहाजों, पनडुब्बियों और वायुयानों को कम्यूनिकेशन सुविधाएं देता है। नौसेना के प्रवक्ता ने NDTV को बताया कि यह सैटेलाइट हिंद महासागर क्षेत्र में 'रीयल टाइम सिक्योर कम्यूनिकेशन्स कैपेबिलिटी' प्रदान करता है।

सैन्य सैटेलाइट

भारत के पास अभी 13 सैन्य सैटेलाइट

अभी दुनिया के चारों और लगभग 320 सैन्य सैटेलाइट चक्कर लगा रहे हैं। इनमें से सबसे ज्यादा सैटेलाइट अमेरिका के हैं। इसके बाद रूस और चीन का नंबर आता है। भारत के पास 13 सैन्य सैटेलाइट हैं, जिनमें से ज्यादातर रिमोट-सेंसिंग सैटेलाइट हैं। ये धरती की निचली कक्षा में मौजूद रहते हैं और धरती की फोटो लेने में मदद करते हैं। इन सैटेलाइट की पाकिस्तान के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक के समय मदद ली गई थी।

जानकारी

भारत बना रहा है डिफेंस स्पेस एजेंसी

NDTV के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने डिफेंस स्पेस एजेंसी की योजना को मंजूरी दे दी है। यह थलसेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त इकाई होगी। यह अंतरिक्ष में मौजूद भारत के सभी साधनों का इस्तेमाल करेगी।