तेल की कीमतें: केंद्र के ऐलान के बाद किन-किन राज्यों ने कम किया टैक्स?
क्या है खबर?
बीते शनिवार को केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स में कटौती कर लोगों को बड़ी राहत दी थी।
सरकार के ऐलान के बाद देशभर में पेट्रोल 9.5 रुपये और डीजल सात रुपये सस्ता हो गया था। यह कटौती ऐसे समय की गई थी, जब तेल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर बनी हुई थीं।
इसके बाद महाराष्ट्र, केरल और राजस्थान आदि राज्यों ने भी अपने स्तर पर टैक्स कम कर कीमतों में कटौती की थी।
तेल की कीमत
महाराष्ट्र
केंद्र के ऐलान के बाद महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) कम कर दिया है। राज्य सरकार ने पेट्रोल पर 2.08 रुपये और डीजल पर 1.44 रुपये प्रति लीटर VAT घटाया है।
इसके बाद राजधानी मुंबई में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 111.35 रुपये और डीजल 97.28 रुपये हो गई है।
हालांकि, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि यह कटौती पर्याप्त नहीं है और केंद्र को टैक्स और कम करना चाहिए।
तेल की कीमतें
केरल
महाराष्ट्र की तरह केरल ने भी पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले VAT को कम किया है।
केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने कहा कि राज्य सरकार पेट्रोल पर 2.41 रुपये और डीजल पर 1.36 रुपये VAT कम कर रही है। इसके बाद राज्य की राजधानी तिरूवनंतपुरम में पेट्रोल की कीमत घटकर 107.91 रुपये और डीजल की कीमत 96.52 रुपये प्रति हो गई है। वहीं कोच्चि में पेट्रोल 105.59 रुपये और डीजल 94.53 रुपये बिक रहा है।
तेल की कीमत
राजस्थान
केरल और महाराष्ट्र की तर्ज पर राजस्थान ने भी केंद्र सरकार के ऐलान के बाद तेल पर VAT कम किया है।
राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्विटर पर लिखा कि राजस्थान में पेट्रोल पर 2.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 1.16 रुपये प्रति लीटर VAT कम होगा। इससे प्रदेश में पेट्रोल 10.48 रुपये और डीजल 7.16 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो जाएगा।
अब जयपुर में पेट्रोल 108.48 रुपये और डीजल 93.72 रुपये बेचा जा रहा है।
अपील
केंद्र ने राज्यों से की थी टैक्स कम करने की मांग
शनिवार को तेल की कीमतें कम करने का ऐलान करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों से भी टैक्स कम करने की मांग की थी।
उन्होंने कहा था, "मैं सभी राज्य सरकारों, विशेषकर पिछली बार (नवंबर 2021) पेट्रोल-डीजल में कटौती नहीं करने वाली सरकारों से इस तरह की कटौती लागू करने और आम आदमी को राहत देने की अपील करना चाहती हूं।"
बता दें, जिन तीनों राज्यों ने टैक्स कम किया है, वहां विपक्षी पार्टियों की सरकारें हैं।
तेल की कीमत
मार्च में 137 दिन बाद बढ़ी थीं कीमतें
देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा होना 22 मार्च से शुरू हुआ था। 22 मार्च को 137 दिनों के बाद पहली बार तेल की कीमतें बढी थीं और उसके बाद लगभग नियमित अंतराल पर इनमें इजाफा होता गया।
2017 के बाद यह पहली बार था, जब तेल की कीमतों में इतने अंतराल के बाद तेजी आई है।
सरकार ने कच्चे तेल के दामों में रिकॉर्ड उछाल को इसका कारण बताया था।
तेल की कीमत
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
पेट्रोल-डीजल के टैक्स में कटौती के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार बाजार से एक लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले सकती है।
ईंधन पर टैक्स में कटौती से सरकार को इतना ही नुकसान होने की आशंका है और ये पूरी की पूरी रकम बाजार से उठाई जाएगी। मामले से संबंधित लोगों ने ये जानकारी दी है।
बढ़ते कर्ज का भारत के बॉन्ड बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका भी जताई जा रही है।