मध्य प्रदेश: तेल कीमतों पर मंत्री बोले- परेशानी होने पर ही आता है सुख का मजा
एक तरफ जहां देश की जनता पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान है, वहीं नेता इससे राहत देने की बजाय जनता के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं। ऐसा ही काम मध्य प्रदेश के उद्योग मंत्री प्रकाश सकलेचा ने किया है। तेल की बढ़ती कीमतों पर दार्शनिक होते हुए शनिवार को उन्होंने कहा कि जब तक जिंदगी में कोई परेशानी नहीं होगी, तब तक सुख का मजा कैसे आएगा। उन्होंने मामले में सरकार का बचाव किया।
क्या बोले सकलेचा?
सकलेचा ने छतरपुर में मीडिया से कहा, "जिंदगी में परेशानी ही सुख का आनंद देती है। जब तक एक भी परेशानी नहीं आए तो सुख का आनंद भी नहीं आता है।" प्रधानमंत्री की नीति फेल होने पर उन्होंने कहा कि ये अफवाह फैलाने वालों की सोच है। कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि उसे पोलियो ड्रॉप पिलाने में 40 साल लगे, वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने एक साल में ही वैक्सीन बनाने से लेकर लगाने का संकल्प लिया है।
सुनें मंत्री का पूरा विवादित बयान
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने तोड़ी हुई है आम जनता की कमर
बता दें कि देश में बीते कई महीने से तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और इसने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है। देश के अधिकांश राज्यों और बड़े शहरों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक हो गई हैं, वहीं डीजल भी बहुत ज्यादा पीछे नहीं है। आज रविवार को इसकी कीमतों में कोई वृद्धि नहीं हुई, लेकिन कल शनिवार को पेट्रोल 35 पैसे और डीजल 26 पैसे महंगा हुआ था।
16 राज्यों में 100 रुपये से ऊपर पहुंचे पेट्रोल के दाम
कीमतों में लगातार वृद्धि के कारण देश के 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल ने 100 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर लिया है। इनमें दिल्ली, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, लद्दाख, तमिलनाडु, केरल, पंजाब, सिक्किम और बिहार शामिल हैं। इसके अलावा मुंबई ( 106.93 रुपये), कोलकाता (101.01 रुपये) और चेन्नई (101.71 रुपये ) में भी पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक है।
इन कारणों से बढ़ रही तेल की कीमतें
देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी का प्रमुख कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा होना है। कच्चे तेल की कीमतें 2018 के बाद के उच्चतम स्तर पर हैं। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाा जाने वाला टैक्स भी अधिक कीमत का एक अहम कारण है। आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल पर 34.8 प्रतिशत टैक्स केंद्र सरकार और 23.08 प्रतिशत राज्य सरकार का है।