स्थिति सामान्य होने पर बहाल होगा जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा- अमित शाह
क्या है खबर?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि 'स्थिति सामान्य' होने के बाद जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा और परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होते ही विधानसभा चुनाव होंगे।
गृृह मंत्री के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए घाटी की राजनीतिक पार्टियों ने पूछा है कि 'स्थिति सामान्य' होने की परिभाषा क्या है।
शाह इससे पहले भी कह चुके हैं कि विधानसभा चुनावों के बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिया जाएगा।
बयान
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा- शाह
एक वर्चुअल कार्यक्रम में बोलते हुए शाह ने कहा कि जहां तक लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बात है तो परिसीमन शुरू हो चुका है। इसके बाद चुनाव होंगे। राजनीतिक पार्टियां भले ही कुछ कहें, लेकिन जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा।
उन्होंने कहा, "मैंने संसद में आश्वासन दिया है कि जैसे ही स्थिति सामान्य हो जाएगी, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा।"
बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में कश्मीर दौरे पर अमित शाह ने यही बातें कही थीं।
बयान
शाह बोले- केंद्र शासित प्रदेश में पंचायती राज व्यवस्था लागू की
अमित शाह ने अपने संबोधन में आगे कहा कि कश्मीर में शासन में 87 विधायक, छह सांसद और तीन परिवार शामिल थे। अब यहां गांवों से 30,000 से अधिक जनप्रतिनिधि चुने गए हैं।
घाटी के राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये पार्टियां दुखी हैं क्योंकि यहां पंचायती राज व्यवस्था लागू कर दी गई है।
उन्होंने पार्टियों के उस दावे पर भी सवाल उठाए, जिसमें कहा गया था कि अनुच्छेद 370 हटने पर कानून व्यवस्था बिगड़ जाएगी।
जानकारी
"कश्मीर में कम हुईं आतंकी घटनाएं"
गृह मंत्री ने कहा कि अप्रैल, 2017 से 2019 और 2019 से 2021 के बीच किया गया अध्ययन दिखाता है कि कश्मीर में आतंकी घटनाओं में 40 फीसदी और इनके कारण होने वाली मौतों में 57 फीसदी की कमी आई है।
प्रतिक्रिया
घाटी की पार्टियों ने उठाए सवाल
शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि स्थिति सामान्य होने का झूठा माहौल बनाने के लिए लोगों को आतंकित करने के बाद भारत सरकार का यह मानना कि स्थिति सामान्य नहीं है, अपने आप में विरोधाभासी है।
वहीं पीपल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद लोन ने पूछा कि 'स्थिति सामान्य' होने को परिभाषित कौन करेगा। एक और नेता ने कहा कि केंद्र सरकार अपना काम करने में असफल रही है।
जानकारी
2019 में समाप्त किया गया अनुच्छेद 370
केंद्र सरकार ने अगस्त, 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करते हुए राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। सरकार ने जम्मू-कश्मीर को अलग और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया है।
चुनाव से पूर्व यह भाजपा के बड़े वादों में से एक था और मई, 2019 में दूसरी बार सत्ता संभालने के कुछ ही महीने बाद मोदी सरकार ने यह वादा पूरा किया।
अनुच्छेद 370
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के तहत केंद्र सरकार को राज्य में रक्षा, विदेश नीति और संचार मामलों को छोड़कर किसी भी अन्य मामले में कानून बनाने के लिए राज्य सरकार की अनुमति की जरूरत होती थी।
साथ ही इस अनुच्छेद के कारण राष्ट्रपति राज्य में आर्थिक आपातकाल घोषित नहीं कर सकते थे।
अनुच्छेद के तहत राज्य का अपना अलग झंडा था और यहां विधानसभा का कार्यकाल छह साल का होता था, जबकि देश में यह पांच साल का होता है।