जम्मू-कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों से वापस ली जाएगी SSG सुरक्षा
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों की विशेष सुरक्षा समूह (SSG) सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया है।
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे और पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, PDP की महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की SSG सुरक्षा वापस ली जाएगी।
बता दें, SSG जम्मू और कश्मीर में एक विशेष सुरक्षा इकाई है, जिसे राज्य में मुख्यमंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा के लिए बनाया गया था।
नियम
अब सिर्फ मौजूदा मुख्यमंत्री की सुरक्षा करेगी SSG
अधिकारियों के अनुसार, "यह निर्णय सुरक्षा समीक्षा समन्वय समिति द्वारा लिया गया है, जो जम्मू-कश्मीर में महत्वपूर्ण नेताओं पर खतरे का आकलन करती है।"
अधिकारियों ने कहा कि SSG को सही आकार का किया जाएगा और इसकी संख्या को न्यूनतम स्तर तक कम किया जाएगा।
उनके अनुसार, SSG को अब मौजूदा मुख्यमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसकी अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक से नीचे की रैंक का अधिकारी करेगा।
प्रतिक्रिया
उमर अब्दुल्ला ने निर्णय को बताया राजनीतिक
उमर अब्दुल्ला ने बताया कि उन्हें इस फैसले के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।
उन्होंने आगे कहा, "यह फैसला स्पष्ट रूप से राजनीतिक है और हमारी बढ़ी हुई राजनीतिक गतिविधियों का जवाब है।"
उन्होंने कहा, "इनमें से कोई भी (फैसला) हमें चुप नहीं कराएगा। समय महत्वपूर्ण है। सभी पूर्व मुख्यमंत्री अधिक मुखर हो गए हैं और सरकार को घेर रहे हैं।"
अब्दुल्ला ने कहा, "किसी के पास हमें इसके बारे में बताने का शिष्टाचार नहीं था।"
बयान
महबूबा मुफ्ती को भी नहीं थी फैसले की जानकारी
महबूबा मुफ्ती ने कहा, "मुझे SSG सुरक्षा वापस लिए जाने के बारे में औपचारिक रूप से जानकारी नहीं दी गई है। मैं यह नहीं कह सकती कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं।"
मुफ्ती ने आगे कहा, "आप जानते हैं कि हम किस तरह की स्थिति में रह रहे हैं। कल पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को रोका गया और इसे किस तरह पेश किया गया। यहां कश्मीर में वे हमारी सुरक्षा वापस ले रहे हैं।"
फैसला
सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद लिया गया फैसला
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, अब चारों पूर्व मुख्यमंत्रियों को उनके सुरक्षा वर्गीकरण और खतरे के आकलन के आधार पर जम्मू-कश्मीर पुलिस की सुरक्षा शाखा द्वारा सुरक्षा दी जाएगी।
वहीं इंडिया टुडे की खबर के अनुसार, फारूक अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) द्वारा भी सुरक्षा दी जाती है। यह सुरक्षा दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों पर खतरे के आकलन के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है।