अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का खतरा, कड़े किए गए सुरक्षा इंतजाम
अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी सुरक्षाबलों और तीर्थयात्रियों के जत्थे पर हमला कर सकते हैं। इंडिया टूडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि जैश-ए-मोहम्मद बालटाल रूट से यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को निशाना बना सकते हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि जैश के आतंकी कंगन इलाके में बालटाल की तरफ जाने वाले हाइवे पर श्रद्धालुओं और सुरक्षाबलों पर हमला कर सकते हैं। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
घुसपैठ करने में सफल रहे आतंकी
सूत्रों के मुताबिक, जैश के आतंकी नागाबाल, कंगल और गांदरबल के पहाड़ी इलाके में घुसपैठ कर चुके हैं। नियंत्रण रेखा के नजदीक होने के कारण इन इलाकों को खतरनाक माना जाता है। बताया जाता है पाकिस्तान कई बार इस इलाके से भारत में आतंकियों को भेजने की कोशिश कर चुका है, लेकिन सुरक्षाबलों की सतर्कता के कारण अधिकतर बार ऐसी कोशिशें असफल हुई है। हालांकि, कुछ आतंकी घुसपैठ करने में कामयाब हुए हैं।
दुरुस्त हैं सुरक्षा बंदोबस्त
संभावित हमलों के खतरों को देखते हुए अमरनाथ यात्रा के पहलगाम और बालटाल रूटों पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। साथ ही इन रूटों और खतरनाक माने जा रहे इलाकों में सुरक्षा बंदोबस्त और कड़े कर दिए गए हैं।
हाइवे को जोन और सेक्टर में बांटा गया
एक जुलाई से शुरू होने वाली यात्रा के लिए यात्रियों का पहला जत्था 30 जून को रवाना होगा। इन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की निगरानी में ले जाया जाएगा। IGP एमके सिन्हा ने बताया कि लगभग 268 किलोमीटर लंबे हाइवे से अमरनाथ यात्री गुजरेंगे। ऐसे में यह पूरा इलाका ही संवेदनशील है, इसलिए पूरे नेशनल हाइवे पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। हाइवे को जोन और सेक्टर में बांटकर अधिकारियों की तैनाती की गई है।
टेक्नोलॉजी का लिया जाएगा सहारा
एमके सिन्हा ने बताया कि अमरनाथ यात्रा के दौरान तकनीक का भी भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा। सभी वाहनों पर रेडियो-फ्रीक्वैंसी आईडेंटिफिकेशन (RFID) टैग लगाए गए हैं, जिससे वाहन को ट्रैक करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा बिना कार सफर करने वाले यात्रियों के रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर बार कोडिंग की गई है। इलाके में आसमान से नजर रखने के लिए ड्रोन इस्तेमाल किए जाएंगे, ताकि हर संभावित खतरे को टाला जा सके।
46 दिन तक चलेगी यात्रा
जम्मू पुलिस भी जरूरत के हिसाब से चेकपोस्ट लगा रही है। साथ ही सभी टोकन सेंटर, रजिस्ट्रेशन सेंटर और यात्री निवासों की सुरक्षा के लिए CRPF और स्थानीय पुलिस को तैनात किया गया है। सिन्हा ने बताया कि हाइवे पर छह स्थानों को संवेदनशील माना गया है, जहां ट्रैफिक पुलिस, स्थानीय पुलिस, राज्य आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवाओं को तैनात किया गया है। 46 दिन चलने वाली इस यात्रा के लिए एक लाख से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है।