NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 हटाने की वैधता पर सुनाया फैसला, पक्ष-विपक्ष ने दिए थे ये तर्क
    अगली खबर
    सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 हटाने की वैधता पर सुनाया फैसला, पक्ष-विपक्ष ने दिए थे ये तर्क
    सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर अपना फैसला सुनाएगा

    सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 हटाने की वैधता पर सुनाया फैसला, पक्ष-विपक्ष ने दिए थे ये तर्क

    लेखन नवीन
    Dec 11, 2023
    12:04 pm

    क्या है खबर?

    सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने की संवैधानिक वैधता पर फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने अनुच्छेद 370 हटाने के राष्ट्रपति के आदेश को वैध ठहराया है।

    साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कराने को कहा है।

    बता दें, 2019 में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में कई याचिकाएं दी गई थीं।

    अनुच्छेद 370

    सबसे पहले जानें क्या था अनुच्छेद 370

    1949 में भारतीय संविधान में अनुच्छेद 370 को जोड़ा गया था। ये एक अस्थायी प्रावधान था, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को अपना संविधान बनाने की अनुमति दी गई थी।

    संविधान का अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को स्वायत्तता और विशेष अधिकार प्रदान करता था। इसका मतलब था कि भारत सरकार केवल रक्षा, विदेश मामले और संचार के मसलों में ही राज्य में हस्तक्षेप कर सकती थी।

    इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता (भारत और जम्मू-कश्मीर) होती थी।

    कोर्ट

    याचिकाकर्ताओं ने क्या तर्क दिया था?

    याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था, "अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था। 1957 में संविधान सभा के विघटन के बाद अनुच्छेद 370 स्थायी हो गया और इसे हटाने की कोई संवैधानिक प्रक्रिया नहीं बची थी।"

    उन्होंने कहा, "केंद्र को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए संविधान सभा की भूमिका नहीं निभानी चाहिए थी। इसको निरस्त करने का कोई निर्णय राजनीतिक प्रक्रिया के माध्यम से ही लिया जा सकता था और यह प्रक्रिया नहीं अपनाई गई।"

    याचिका

    केंद्र ने निभाई संविधान सभा की भूमिका- याचिकाकर्ता

    याचिकाकर्ताओं ने कहा, "संविधान सभा की अनुपस्थिति में केंद्र सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से संविधान सभा की भूमिका निभाई और राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से शक्तियों का प्रयोग किया।"

    उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में किसी भी कानून में बदलाव के लिए राज्य सरकार की सहमति अनिवार्य है। यह ध्यान में रखते हुए कि जब अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था, तब जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन था और इसमें राज्य सरकार की कोई सहमति नहीं थी।"

    दलीलें

    याचिकाकर्ताओं ने राज्य का दर्जा खत्म करने पर भी उठाए सवाल

    याचिकाकर्ताओं ने कहा, "राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह के बिना विधानसभा को भंग नहीं कर सकते थे और केंद्र ने जो किया है, वह संवैधानिक रूप से स्वीकार्य नहीं है और अंतिम साधन को उचित नहीं ठहराता है।"

    उन्होंने कहा, "संविधान के अनुच्छेद 3 ने केंद्र को राज्यों की सीमाओं को बदलने और विभाजन के माध्यम से छोटे राज्य बनाने की शक्ति दी है, लेकिन कभी भी पूरे राज्य को केंद्र शासित प्रदेश नहीं बनाया गया।"

    सरकार

    केंद्र सरकार ने क्या कहा?

    सुनवाई में केंद्र ने कहा था, "संविधान के तहत निर्धारित उचित प्रक्रिया का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है और केंद्र के पास राष्ट्रपति का आदेश जारी करने की शक्ति थी। अनुच्छेद 370 निरस्तीकरण प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की 'संवैधानिक धोखाधड़ी' नहीं हुई है।"

    उसने कहा, "राष्ट्रपति के पास राज्य सरकार की सहमति से जम्मू-कश्मीर के संबंध में संविधान में संशोधन करने की शक्ति है। वह संविधान के किसी भी हिस्से में संशोधन कर सकते हैं।"

    केंद्र

    अनुच्छेद 370 के विनाशकारी प्रभाव हो सकते थे- केंद्र

    केंद्र ने कोर्ट में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बनाए रखने के संभावित नकारात्मक प्रभावों का हवाला दिया।

    उसने कहा, "अगर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त नहीं किया गया होता तो इसका पूर्ववर्ती राज्य में 'विनाशकारी प्रभाव' हो सकता था। जम्मू-कश्मीर के पूर्ण एकीकरण के लिए इसे हटाना जरूरी था। अनुच्छेद 370 एक स्थायी अनुच्छेद नहीं था और इसका मतलब संविधान में केवल एक अस्थायी प्रावधान था।"

    पीठ

    कोर्ट ने पूछे ये सवाल

    सुनवाई को दौरान मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा, "क्या अनुच्छेद 370 संविधान में स्थायी प्रावधान बन गया? क्या धारा 370 स्थायी प्रावधान बन जाने पर संसद के पास इसमें संशोधन करने की शक्ति है?"

    उन्होने पूछा, "क्या संसद के राज्य सूची के किसी विषय पर कानून बनाने पर प्रतिबंध है और केंद्र शासित प्रदेश कब तक अस्तित्व में रह सकता है? संविधान सभा के अभाव में धारा 370 को हटाने की सिफारिश कौन कर सकता है?"

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    सुप्रीम कोर्ट
    जम्मू-कश्मीर
    अनुच्छेद 370
    केंद्र सरकार

    ताज़ा खबरें

    IPL 2025: शुभमन गिल का DC के खिलाफ बेहद खराब रहा है प्रदर्शन, जानिए आंकड़े  शुभमन गिल
    RCB बनाम KKR: बारिश की भेंट चढ़ा मैच, प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हुई कोलकाता IPL 2025
    राहुल ने पाकिस्तान को 'ऑपरेशन सिंदूर' की सूचना देने पर उठाए सवाल, केंद्र ने दिया जवाब राहुल गांधी
    IPL में सलामी बल्लेबाज के तौर पर केएल राहुल का कैसा रहा है प्रदर्शन? जानिए आंकड़े  केएल राहुल

    सुप्रीम कोर्ट

    NGO फंड में गड़बड़ी का मामला: सुप्रीम कोर्ट से तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति को राहत तीस्ता सीतलवाड़
    #NewsBytesExplainer: चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, जानें सुनवाई में क्या-क्या हुआ चुनावी बॉन्ड
    राज्यसभा से निलंबन पर सुप्रीम कोर्ट का राघव चड्ढा को आदेश- सभापति से माफी मांगिए  राघव चड्ढा
    CJI चंद्रचूड़ ने मामले टाले जाने पर सुनाया सनी देओल का डायलॉग, बोले- तारीख पे तारीख... भारत के मुख्य न्यायाधीश

    जम्मू-कश्मीर

    जम्मू-कश्मीर: अनंतनाग में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में कर्नल समेत 3 जवान शहीद अनंतनाग
    अनंतनाग शहीदों की कहानी: 2 महीने की मासूम को छोड़ गए हुमायूं, इकलौते बेटे थे आशीष आतंकवादी हमला
    अनंतनाग मुठभेड़: विपक्ष ने किया पाकिस्तान के साथ क्रिकेट का विरोध, केंद्रीय मंत्री ने सवाल उठाए अनंतनाग
    अनंतनाग मुठभेड़ पर विपक्ष हमलावर, कहा- जवानों की शहादत पर देश दुखी, प्रधानमंत्री जश्न मना रहे अनंतनाग

    अनुच्छेद 370

    जम्मू-कश्मीर: तीन PDP नेताओं ने छोड़ी पार्टी, महबूबा मुफ्ती के तिरंगे वाले बयान से थे नाराज जम्मू-कश्मीर
    जम्मू-कश्मीर में अब कोई भी खरीद सकेगा जमीन, नया भूमि कानून लाई केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर
    अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहला चुनाव, DDC सीटों के लिए हो रहा मतदान कश्मीर
    जम्मू-कश्मीर: पिछले साल आतंकवादी घटनाओं में आई 63.93 प्रतिशत की कमी- गृह मंत्रालय गृह मंत्रालय

    केंद्र सरकार

    मुफ्त चुनावी उपहारों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र समेत कई राज्य सरकारों को नोटिस जारी सुप्रीम कोर्ट
    दिल्ली में जहरीली हुई हवा, AQI 300 के पार; केंद्र का एक्शन प्लान लागू वायु प्रदूषण
    ऑनलाइन गेमिंग पर GST को लेकर विवाद, केंद्र सरकार ने कहा- शुरू से लागू है नियम GST
    26 सप्ताह के गर्भपात को लेकर सुप्रीम कोर्ट का विभाजित फैसला, अब बड़ी पीठ करेगी सुनवाई  सुप्रीम कोर्ट
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025