जम्मू-कश्मीर में अब कोई भी खरीद सकेगा जमीन, नया भूमि कानून लाई केंद्र सरकार
क्या है खबर?
केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद अब एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है।
अनुच्छेद 370 हटाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए सरकार ने अब नए भूमि कानून को अधिसूचित कर दिया है।
इस कानून के तहत अब दोनों केद्र शासित प्रदेशों में देश का कोई भी व्यक्ति आसानी से जमीन खरीद सकेगा और वहां पर बस भी पाएगा।
अधिसूचना
गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना
गृह मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा कि इस आदेश को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (केंद्रीय कानूनों का अनुकूलन) तीसरा आदेश, 2020 कहा जाएगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
इसमें यह भी कहा गया है कि भारतीय कानूनों की व्याख्या पर लागू होने वाला सामान्य आदेश अधिनियम, 1897 इस आदेश की व्याख्या पर भी लागू होगा। मंत्रालय ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास में अहम भूमिका निभाएगा।
बयान
विकास के लिए औद्योगिक भूमि में निवेश की जरूरत- उपराज्यपाल
अधिसूचना पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, "हम चाहते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश के बेहतर विकास के लिए बाहर के उद्योग जम्मू-कश्मीर में स्थापित हों। इसलिए जम्मू-कश्मीर की औद्योगिक भूमि में निवेश की जरूरत है।"
बता दें कि गृह मंत्रालय ने यह फैसला जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत ही लिया है। इसके तहत अब कोई भी भारतीय जम्मू-कश्मीर में फैक्ट्री, घर या दुकान के लिए जमीन खरीद सकता है।
जानकारी
खेती के लिए नहीं खरीद सकेंगे जमीन
नई अधिसूचना के तहत कोई भी भारतीय फैक्ट्री, घर या दुकान के लिए तो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में जमीन खरीद सकेगा, लेकिन खेती के लिए जमीन की खरीद नहीं कर पाएगा। खेती के लिए जमीन दोनों जगहों के किसानों के पास ही रहेगी।
स्थिति
पहले यह थी राज्य की स्थिति
बता दें अनुच्छेद 35a जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को विशेष अधिकार देता था और इसके चलते देश के किसी अन्य हिस्से में रहने वाला व्यक्ति यहां जमीन नहीं खरीद सकता था।
यहां तक कि जम्मू-कश्मीर की लड़की यदि अन्य राज्य के किसी लड़के से शादी करती थी तो उसका अपनी पैतृक संपत्ति से अधिकार खत्म हो जाता था।
इसी तरह राज्य का कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन या संपत्ति को दूसरे राज्य के निवासी के नाम नहीं कर सकता था।
बयान
सरकार द्वारा लिया गया फैसला अस्वीकार्य- उमर अब्दुल्ला
केंद्र सरकार के इस फैसले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, "जम्मू कश्मीर के भूमि स्वामित्व के कानून में किया गया संसोशन अस्वीकार्य है। अब जम्मू कश्मीर बिकने के लिए तैयार है। छोटे भूमि मालिकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।"
पृष्ठभूमि
सरकार ने अगस्त, 2019 में खत्म किया था अनुच्छेद 370
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था।
इसके अलावा सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग करते हुए केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला भी लिया था और दोनों इलाके केंद्र सरकार के अधीन आ गए थे।।
सरकार के इस फैसले का जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टियां लगातार विरोध कर रही हैं।