उन्नाव रेप केस: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली ट्रांसफर किए सभी मामले, पीड़िता को 25 लाख मुआवजा
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उन्नाव रेप केस पर सुनवाई करते हुए इससे जुड़े 5 मामलों को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है और ट्रायल कोर्ट को 45 दिन के अंदर सुनवाई पूरी करने को कहा है। इसके अलावा कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को मामले की जांच 7 दिन के अंदर पूरा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को रेप पीड़ित लड़की को 25 लाख अंतरिम मुआवजा देने को भी कहा है।
पीड़ित परिवार ने लिखा था मुख्य न्यायाधीश को पत्र
उन्नाव रेप केस में पीड़िता और उसके परिवार ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई को आपातकालीन पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई थी। लेकिन 12 जुलाई को भेजा गया ये पत्र उन्हें समय पर नहीं मिला, जिसे लेकर वह नाराज नजर आए। गुरुवार को मामले पर सुनवाई करते हुए उन्होंने अपने महासचिव से यही सवाल किया कि क्यों रेप पीड़िता के पत्र को पहले उनके सामने पेश नहीं किया गया।
परिवार चाहे तो घायल हो सकते हैं दिल्ली के AIIMS ट्रांसफर
मामले में CJI ने CBI से अब तक हुई पूरी जांच का ब्यौरा लिया और उसे 7 दिन के अंदर जांच पूरी करने का आदेश दिया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि CBI को जांच के लिए एक महीने का वक्त दिया जाए, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके अलावा कोर्ट ने पीड़िता और उनके वकील से पूछा कि अगर वो चाहते हैं तो घायलों को इलाज के लिए दिल्ली ट्रांसफर कर सकते हैं।
पीड़ित परिवार को मिलेगा मुआवजा और सुरक्षा
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़िता के परिवार को रायबरेली में एक सुरक्षित स्थान पर सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया। घायल वकील और उसके परिजनों को भी ऐसी ही सुरक्षा प्रदान की जाएगी। ये सुरक्षा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) प्रदान करेगी। CJI रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को पीड़िता को 25 लाख रुपये अंतरिम मुआवजा देने का आदेश भी दिया।
भाजपा ने आरोपी विधायक को पार्टी से निकाला
इससे पहले आज भारतीय जनता पार्टी ने मामले में आरोपी अपने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से बाहर निकाल दिया। सेंगर पर आरोप है कि जब 2017 में पीड़ित लड़की अपने रिश्तेदारों के साथ उसके उन्नाव स्थित घर पर नौकरी मांगने आई तो उसने उसका रेप किया। एक साल तक कहीं से इंसाफ नहीं मिलने के बाद पीड़िता और उसकी मां ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर के सामने आत्मदाह की कोशिश की जिससे मामला सुर्खियों में आया।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद हुई सेंगर की गिरफ्तारी
इसके बाद भी मामले में बहुत ज्यादा तरक्की नहीं हुई और सेंगर ने पुलिस की मदद से पीड़ित परिवार को धमकाना जारी रखा। पिछले साल इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद उसकी गिरफ्तारी हुई। इस बीच भाजपा ने भी सेंगर को पार्टी से निलंबित करने का दावा किया। सेंगर की गिरफ्तारी के बाद मामला सुर्खियों से गायब हो गया और उसका पीड़ित परिवार को धमकाना लगातार जारी रखा। मामले में अब तक 4 गवाहों की मौत हो चुकी है।