जस्टिस एनवी रमन्ना होंगे देश के अगले मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति ने की नियुक्ति
जस्टिस नुथलपति वेंकट रमन्ना देश के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज सुबह उन्हें देश का 48वां CJI नियुक्त किया। मौजूदा CJI शरद अरविंद बोबड़े ने उनके नाम की सिफारिश राष्ट्रपति से की थी, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया। CJI बोबड़े 23 मार्च को रिटायर हो रहे हैं और एनवी रमन्ना 24 अप्रैल को शपथ लेंगे। उन्होंने कार्यकाल 16 महीने का होगा और वे 26 अगस्त, 2022 को रिटायर होंगे।
आंध्र प्रदेश के किसान परिवार से आते हैं जस्टिस रमन्ना
एनवी रमन्ना का 27 अगस्त, 1957 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नवरम गांव में एक किसान परिवार में जन्म हुआ था। उनके पास B.Sc. और लॉ की डिग्री है और उन्होंने 10 फरवरी ,1983 को अपनी वकालत शुरू की थी। वह आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट, केंद्रीय और आंध्र प्रदेश प्रशासनिक न्यायाधिकरण और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर चुके हैं। जस्टिस रमन्ना को सिविल, आपराधिक, श्रम, सेवा, संवैधानिक और चुनावी मामलों में महारथ हासिल है।
सरकारी संगठनों में भी वकील के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं रमन्ना
जस्टिस रमन्ना विभिन्न सरकारी संगठनों के लिए पैनल वकील के रूप में भी काम कर चुके हैं। उन्होंने केंद्र सरकार के लिए अतिरिक्त स्थायी वकील, रेलवे के लिए स्थायी वकील और आंध्र प्रदेश के एडिशिनल एडवोकेट जनरल के रूप में भी काम किया है।
जज के तौर पर ऐसा रहा जस्टिस रमन्ना का सफर
जज के तौर पर सफर की बात करें तो जस्टिस रमन्ना को सबसे पहले 27 जून, 2000 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में जस्टिस नियुक्त किया गया। उन्होंने 1 सितंबर, 2013 तक यहां अपनी सेवाएं दी जिसके बाद उनका दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर तबादला हो गया। दिल्ली हाई कोर्ट में उन्होंने 2 सितंबर, 2013 से 16 फरवरी, 2014 तक अपनी सेवाएं दीं और 17 फरवरी, 2014 को उनका सुप्रीम कोर्ट में तबादला कर दिया गया।
इन महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा रहे रमन्ना
जस्टिस रमन्ना द्वारा सुनाए गए महत्वपूर्ण फैसलों की बात करें तो वह तत्कालीन CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली उस बेंच का हिस्सा थे जिसने अयोध्या जमीन विवाद में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। इसके अलावा उनकी अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट बेंच ने ही इंटरनेट को संविधान के अनुच्छेत 19 के तहत मौलिक अधिकार घोषित किया था। वह CJI को सूचना के अधिकार (RTI) के दायरे में लाने का फैसला देने वाली बेंच का भी हिस्सा थे।
विवादों में भी रह चुके हैं जस्टिस रमन्ना
जस्टिस रमन्ना हालिया समय में विवादों में भी रहे हैं और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने अक्टूबर, 2020 में CJI बोबड़े को पत्र लिखकर रमन्ना पर राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों में आंध्र प्रदेश के कामकाज में दखलअंदाजी करने का आरोप लगाया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने एक गोपनीय जांच के बाद रेड्डी के इन आरोपों को खारिज कर दिया था। जस्टिस रमन्ना ने भी इन आरोपों को निराधार बताया था।