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एनवी रमन्ना होंगे अगले मुख्य न्यायाधीश, CJI बोबड़े ने सरकार को भेजा नाम

एनवी रमन्ना होंगे अगले मुख्य न्यायाधीश, CJI बोबड़े ने सरकार को भेजा नाम

Mar 24, 2021
12:00 pm

क्या है खबर?

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबड़े ने अपनी रिटायरमेंट के बाद इस पद के लिए जस्टिस एनवी रमन्ना के नाम की सिफारिश की है। CJI बोबड़े 23 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले उन्होंने जस्टिस एनवी रमन्ना का नाम अगले CJI के लिए सरकार को भेजा है। पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने पत्र लिखकर उनसे अगले CJI का नाम सुझाने को कहा था। जस्टिस रमन्ना सुप्रीम कोर्ट में CJI बोबड़े के बाद सबसे सीनियर जज हैं।

जानकारी

2019 में CJI बने थे जस्टिस बोबड़े

जस्टिस बोबड़े ने नवंबर, 2019 में जस्टिस (रिटायर्ड) रंजन गोगोई के रिटायर होने के बाद देश के 47वें CJI के तौर पर शपथ ली थी। अब अगले महीने वो इस पद से रिटायर हो रहे हैं। बता दें, सुप्रीम कोर्ट में जजों की अनुमोदित संख्या 34 है, लेकिन फिलहाल यहां 30 जज ही कार्यरत है। जस्टिस गोगाई, जस्टिस गुप्ता, जस्टिस भानुमति और जस्टिस मिश्रा के रिटायरमेंट होने के बाद अभी तक सुप्रीम कोर्ट में कोई नई नियुक्ति नहीं हुई है।

प्रोफाइल

अगस्त, 2022 तक है जस्टिस रमन्ना का कार्यकाल

27 अगस्त, 1957 को किसान परिवार में पैदा हुए जस्टिस नाथुलापति वेकट रमन्ना ने विज्ञान और कानून में स्नातक किया है। इसके बाद उन्होंनें आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट, केंद्रीय प्रशासनिक ट्राइब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। सुप्रीम कोर्ट में उनका कार्यकाल 26 अगस्त, 2022 तक है। यानी वो दो साल से भी कम समय के लिए CJI के पद पर रहेंगे। वरिष्ठता के मामले में फिलहाल वो सुप्रीम कोर्ट में दूसरे स्थान पर है।

करियर

दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं जस्टिस रमन्ना

जस्टिस रमन्ना 27 जून, 2000 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में स्थायी जज के तौर पर नियुक्त हुए। 13 मार्च से लेकर 20 मई, 2103 तक वो आंध्र प्रदेश के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहे। उसी साल 2 सितंबर को प्रमोशन के बाद उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। अगले साल 17 फरवरी को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था। हालांकि, दो मौके ऐसे भी आए, जब उनका नाम विवादों में रहा।

विवाद

विवादों में भी रहा है जस्टिस रमन्ना का नाम

बीते साल अक्टूबर में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने ने जस्टिस रमन्ना पर राज्य सरकार के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री रेड्डी ने एक पत्र लिखकर कर आरोप लगाया कि तेलुगू देशम पार्टी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से जस्टिस रमन्ना की नजदीकी जगजाहिर है। उन्होंने यह भी कहा था कि जस्टिस रमन्ना हाई कोर्ट की बैठकों को प्रभावित करते हैं। इनमें कुछ जजों के रोस्टर भी शामिल हैं।

विवाद

पूर्व जस्टिस चेलमेश्वर ने भी लिखा था ऐसा पत्र

इसी तरह का एक पत्र 2017 में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस चेलमेश्वर ने लिखा था। BBC के अनुसार, जस्टिस चेलमेश्वर ने इस पत्र में लिखा था कि जस्टिस एनवी रमन्ना और एन चंद्रबाबू नायडू के बीच अच्छे रिश्ते हैं और यह न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच अनावश्यक नजदीकी का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने लिखा कि हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के बारे में रमन्ना की रिपोर्ट और नायडू की टिप्पणी में समानताएं थीं।