फिर टली निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी, कोर्ट ने लगाई अगले आदेश तक रोक
क्या है खबर?
निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को कल 1 फरवरी को सुबह छह बजे होेने वाली फांसी टल गई है।
दोषियों की अपील पर सुनवाई करते हुए दिल्ली की पटियासा हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगा दी है।
एक दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास लंबित होने के कारण कोर्ट ने ये फैसला लिया है।
एक केस के सभी दोषियों को एक साथ ही फांसी दी जा सकती है।
सुनवाई
तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा, तीन दोषियों को दी जा सकती है फांसी
सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोर्ट से कहा कि चूंकि केवल एक दोषी की दया याचिका ही राष्ट्रपति के पास लंबित है, इसलिए बाकी तीन दोषियों को कल सुबह फांसी दी जा सकती है।
वहीं जेल प्रशासन की दलील का विरोध करते हुए दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि नियमों के अनुसार जब एक दोषी की दया याचिका लंबित हो तो बाकी दोषियों को भी फांसी नहीं दी जा सकती।
दया याचिका
राष्ट्रपति के पास विनय शर्मा की दया याचिका लंबित
बता दें कि राष्ट्रपति के पास विनय शर्मा की दया याचिका लंबित है।
वहीं पवन गुप्ता ने उसके नाबालिग होने की याचिका को खारिज करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।
इससे पहले अक्षय कुमार की क्यूरेटिव पिटिशन को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। चौथा दोषी मुकेश सिंह अपने सभी कानूनी विकल्पों का उपयोग कर चुका है।
कानूनी पेंच
दया याचिका खारिज होने के 14 दिन बाद ही हो सकती है फांसी
नियमों के अनुसार, मौत की सजा पाए किसी भी दोषी को राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने के 14 दिन बाद ही फांसी दी जा सकती है।
इसी का फायदा उठाकर चारों दोषी फांसी को टालने में लगे हुए हैं और सभी एक-एक करके दया याचिका दायर कर रहे हैं।
दो दोषियों, पवन और अक्षय, के पास अभी भी राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने का विकल्प बचा हुआ है। पवन के पास क्यूरेटिव पिटिशन का विकल्प भी बाकी है।
जानकारी
पहले भी टल चुकी है फांसी
बता दें कि इससे पहले भी एक बार चारों दोषियों की फांसी टल चुकी है। पटियाला कोर्ट के आदेश पर पहले उन्हें 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी होनी थी। लेकिन मुकेश के राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने के कारण इसे टालना पड़ा।
निर्भया गैंगरेप केस
दिसंबर 2012 में हुआ था देश को हिला देने वाला निर्भया कांड
पूरे देश को हिला कर रख देने वाली ये घटना 16 दिसंबर, 2012 की रात हुई थी। छह लोगों ने चलती बस में निर्भया का गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी थी।
मामले का एक आरोपी नाबालिग था और बाल सुधार गृह में तीन साल गुजारने के बाद रिहा हो गया था।
वहीं दूसरे आरोपी राम सिंह ने फांसी लगाकर जेल में आत्महत्या कर ली थी।
बाकी चारों आरोपियों को 13 सितंबर, 2013 को फांसी की सजा सुनाई गई थी।