देश में संक्रमण के दैनिक मामले 50,000 से ऊपर जाने से रोके सरकार- विशेषज्ञ समूह
देश में कोविड इमरजेंसी रणनीति तैयार करने के लिए बनाए गए एक अधिकार प्राप्त समूह ने सरकार से कहा है कि ऐसे सभी प्रयास किए जाने चाहिए ताकि दैनिक मामलों की संख्या 50,000 से पार न हो। नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल की अध्यक्षता वाले इस समूह ने कोरोना की तीसरी लहर में दैनिक मामलों की संख्या 4-5 लाख तक पहुंचने और सरकार से इसके लिए पर्याप्त तैयारी करने को भी कहा है।
सिस्टम को अलर्ट होने का संदेश
सूत्रों के हिसाब से इस समूह की यह सिफारिश बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसने सिस्टम को अलर्ट होने का संदेश दे दिया है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, समूह ने यह भी कहा है कि वैक्सीनेशन के साथ-साथ मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग और महामारी से बचाव के लिए दूसरी जरूरी सावधानियों का पालन कर दैनिक मामलों की संख्या 50,000 के आसपास रखी जा सकती है। रोजाना अगर 50,000 मामले सामने आते हैं तो स्वास्थ्य तंत्र पर इससे भार नहीं बढ़ेगा।
25 जून के बाद से 50,000 से कम बने हुए हैं मामले
अप्रैल-मई में भारी तबाही मचाने वाली कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार कम होने के कारण देश में 25 जून के बाद से दैनिक मामलों की संख्या लगातार 50,000 से कम बनी हुई है और अधिकतर राज्यों में हालात बेहतर हो रहे हैं।
तीसरी लहर की तैयारी के लिए क्या कहा गया?
तीसरी लहर के दौरान दैनिक मामलों की संभावित संख्या 4-5 लाख से निपटने के लिए इस समूह ने 1.2 लाख वेंटिलेटर के साथ कुल दो लाख ICU बिस्तरों की जरूरत बताई है। समूह का कहना है कि सितंबर तक देश में दो लाख ICU बिस्तरों के अलावा पांच लाख ऑक्सीजन और 10 लाख आइसोलेशन बिस्तरों की जरूरत होगी। समूह ने इनमें से 5 प्रतिशत ICU और 4 प्रतिशत ऑक्सीजन बिस्तर बच्चों के लिए आरक्षित रखने का सुझाव दिया है।
देश को चुकानी होगी बड़ी कीमत- समूह
अभी देश में ICU और ऑक्सीजन बिस्तरों की जो संख्या है, वह 2.70 लाख दैनिक मामलों से निपटने में पर्याप्त है। इसमें करीब 80,000 ICU और एक लाख ऑक्सीजन बिस्तर और जोड़े जाने की जरूरत है। समूह ने कहा है कि अगर रोजाना के 4-5 लाख मामलों से निपटने की तैयारी कर ली जाती है तब भी देश पर इसका भारी दबाव पड़ेगा और बड़ी कीमत चुकानी होगी। इसलिए दैनिक मामलों की 50,000 के आसपास रखना जरूरी है।
सरकार ने 20,000 ICU बिस्तरों के लिए जारी किया है बजट
समूह ने अगली लहर से निपटने के लिए करीब दो लाख ICU बिस्तरों की जरूरत बताई है। इनमें से सबसे ज्यादा 33,000 की जरूरत उत्तर प्रदेश को होगी। इसके बाद महाराष्ट्र को 17,865 और बिहार को 17,480 ICU बिस्तरों की जरूरत पड़ेगी। वहीं 8 जुलाई को केंद्र सरकार ने 2021-22 वित्त वर्ष के लिए 23,123 करोड़ रुपये को मंजूरी दी है, जिनसे 20,000 ICU बिस्तर लगाए जाएंगे। इनमें से करीब 20 प्रतिशत बच्चों के लिए होंगे।
अगस्त अंत तक आ सकती है तीसरी लहर
ICMR ने अनुमान लगाया है कि अगस्त के अंत तक कोरोना की तीसरी लहर देश में दस्तक दे सकती है। इसका असर पूरे देश में देखने को मिलेगा, लेकिन यह दूसरी लहर जितनी खतरनाक नहीं होगी। केंद्र सरकार का कहना है कि वायरस में म्यूटेशन या संवेदनशील आबादी के चपेट में आने से तीसरी लहर आ सकती है और ऐसे सबूत नहीं मिले हैं, जिनसे पता चला कि कोरोना बच्चों को ज्यादा चपेट में ले रहा है।