Page Loader
सुप्रीम कोर्ट ने नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर फेसबुक और व्हाट्सऐप को जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर फेसबुक और व्हाट्सऐप को जारी किया नोटिस

Feb 15, 2021
01:32 pm

क्या है खबर?

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों में निजी जानकारी साझा करने को लेकर चिंता है और यह लोगों के लिए अहम है। ऐसे में व्हाट्एसेप को लिखित में देना होगा कि वह लोगों की निजी जानकारी तीसरे पक्ष के साथ साझा नहीं करेगा। कोर्ट ने फेसबुक और व्हाट्एसेप को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है।

प्रकरण

व्हाट्सऐप ने किया है अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव

बता दें कि व्हाट्सऐप ने हाल ही में अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किया है और नई पॉलिसी के तहत व्हाट्सऐप अब अपना डाटा फेसबुक के साथ शेयर करेगा। शुरूआत में यूजर्स को इस पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए 8 फरवरी, 2021 तक का समय दिया गया था, अन्यथा उनका अकाउंट डिलीट या सस्पेंड हो जाएगा। हालांकि, यूजर्स के बढ़ते विरोध को देखते हुए कंपनी ने अंतिम तिथि को 15 मई तक के लिए बढ़ा दिया।

याचिका

निजता के मौलिक अधिकार के खिलाफ है नई पॉलिसी- याचिकाकर्ता

व्हाट्सऐप की ओर से लाई गई नई पॉलिसी के खिलाफ हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। अधिवक्ता श्याम दीवान के जरिए दाखिल की गई याचिका में कहा गया था कि व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी संविधान द्वारा दिए गए निजता के मौलिक अधिकार के खिलाफ है। इसी तरह पॉलिसी को लेकर यूरोप में भारत से अलग मापदंड रखते हैं। यह सही नहीं है और सुप्रीम कोर्ट को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए।

सुनवाई

लोगों की निजता की रक्षा करना हमारा कर्तव्य- सुप्रीम कोर्ट

HT के अनुसार, मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, "लोगों में निजी जानकारी साझा करने को लेकर गहरी चिंता है। आप दो-तीन खरब डॉलर की कंपनी हो सकते हैं, लेकिन लोग अपनी निजता की कीमत इससे ज्यादा मानते हैं और उन्हें ऐसा मानने का हक है। लोगों की निजता की सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है।" कोर्ट ने कहा कि लोगों की निजता का हनन नहीं होना चाहिए।

आदेश

व्हाट्सऐप को दिया लिखित में शपथ पत्र देने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्हाट्सऐप को लिखित में शपथ पत्र देना होगा कि वह लोगों की निजी जानकारी को किसी भी तीसरे पक्ष के साथ साझा नहीं कर रहा है और ना ही लोगों की निजता का हनन कर रहा है। इसके अलावा कोर्ट ने यूरोप के लिए अलग पॉलिसी बनाए जाने पर भी नाराजगी जताई और मामले में फेसबुक और व्हाट्सऐप को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।

दलील

व्हाट्सऐप ने दी निजी डाटा साझा नहीं करने की दलील

व्हाट्सऐप की ओर से प्रस्तुत हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि कंपनी की ओर से लोगों का कोई भी निजी और संवेदनशील डाटा शेयर नहीं किया जा रहा है। यह मामला अभी दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित चल रहा है। इसी तरह सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "भले ही कानून हो या न हो, निजता का अधिकार मौलिक अधिकारों का हिस्सा है। व्हाट्सऐप को निजता के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए और डाटा साझा नहीं करना चाहिए।"

जानकारी

दिल्ली हाई कोर्ट ने कही थी परेशानी होने पर उपयोग बंद करने की बात

मामले में 18 जनवरी को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी। हाई कोर्ट ने यह कहते हुए नोटिस देने से इनकार कर दिया था कि व्हाट्सऐप निजी ऐप है और यदि इसकी नीतियों से समस्या है तो इसका उपयोग करना बंद कर सकते हैं।