अमरनाथ यात्रा के दौरान 'स्टिकी बम' के संभावित इस्तेमाल का खतरा, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
इस महीने के आखिर से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के दौरान 'स्टिकी बम' के संभावित इस्तेमाल को लेकर सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैं। यात्रा की सुरक्षा में तैनात होने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों को इस बम को लेकर जानकारी दी जा रही है। CRPF के उप महानिरीक्षक (हीरानगर रेंज) देवेंद्र यादव ने कहा कि 'स्टिकी बम' के खतरे से निपटने के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है। आइये यह पूरी खबर जानते हैं।
'स्टिकी बम' क्या होते हैं?
ये आकार में बेहद छोटे और किसी सतह पर चिपकने (मैग्नेटिक) वाले होते हैं। इन्हें किसी भी वाहन की सतह से चिपकाकर टाइमर की मदद से विस्फोट किया जा सकता है। इनके चिपकने की प्रवृति के कारण ही इन्हें 'स्टिकी बम' कहा जाता है। पिछले महीने वैष्णो देवी जा रही श्रद्धालुओं से भरी बस में भी 'स्टिकी बम' से विस्फोट करने की जानकारी सामने आई थी। इस धमाके में चार यात्रियों की मौत हुई थी, जबकि 22 घायल हुए थे।
पाकिस्तान से आए ड्रोन पर भी मिले थे 'स्टिकी बम'
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही में कठुआ इलाके में पुलिस ने पाकिस्तान की तरफ से आ रहे एक ड्रोन को बरामद किया था। इस पर हथियारों के अलावा सात 'स्टिकी बम' भी लगे हुए थे। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने खासतौर पर अमरनाथ यात्रा को देखते अपनी रणनीति में बदलाव किया है। अब यात्रा पर जाने वाले हर व्यक्ति को निर्देश दिए जा रहे हैं कि वो अपने वाहन को लावारिस छोड़कर न जाएं।
पिछले साल पहली बार बरामद हुए थे 'स्टिकी बम'
पिछले साल फरवरी में पहली बार जम्मू के सांबा सेक्टर में में 'स्टिकी बम' बरामद किए थे। यह पहला मौका था, जब जम्मू-कश्मीर में इस तरह के बम मिले थे। आमतौर पर अफगानिस्तान और ईराक में इनका प्रयोग होता आया था। इतिहास की बात करें तो सबसे पहले दूसरे विश्व युद्ध में ब्रिटेन ने इन बमों का इस्तेमाल किया था। तब ग्रेनेड और नाइट्रो-ग्लिसरीन से भरे ग्लास फ्लास्क आदि की मदद से इन बमों को तैयार किया जाता था।
अमरनाथ यात्रा को लेकर गृह मंत्री ने की थी बैठक
जम्मू-कश्मीर में लगातार बढ़ रही आतंकी गतिविधियों और अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कई उच्च स्तरीय बैठकें की थीं। इसमें उन्होंने अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करते हुए जरूरी दिशानिर्देश दिए थे। इससे पहले उन्होंने पिछले महीने भी ऐसी एक बैठक की थी। इसके अलावा गृह मंत्रालय भी हर सोमवार को अमरनाथ यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बैठक करता है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
इस साल अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होगी और इसके लिए पंजीयन शुरू हो चुका है। यह यात्रा 43 दिनों तक चलेगी और रक्षाबंधन के दिन इसका समापन होगा। पिछले दो साल महामारी के प्रकोप के चलते इस यात्रा का आयोजन नहीं हो पाया था। इस बार भी यात्रियों को महामारी से बचाव के सभी प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी होगा। दूसरी तरफ बढ़ती आतंकी गतिविधियों के लिए इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती होगा।