जम्मू-कश्मीर को केंद्रीय योजनाओं के लिए इस साल मिला 10 प्रतिशत से भी कम फंड
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर प्रशासन को इस वित्त वर्ष केंद्रीय योजनाओं के लिए आवंटित हुए बजट में से 10 प्रतिशत से भी कम फंड मिला है।
27 अक्टूबर तक केंद्र शासित प्रदेश के 25 विभागों को महज 1,809 करोड़ रुपये मिले हैं, जो 2021-22 के लिए आवंटित 18,527 करोड़ के 10 प्रतिशत से भी कम है।
बता दें कि केंद्रीय योजनाओं के लिए अधिकतर पैसा केंद्र सरकार देती है, लेकिन इन्हें लागू करने का जिम्मा राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों पर होता है।
बजटीय आवंटन
दर्जनभर विभागों को नहीं मिला कोई फंड
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, करीब दर्जनभर ऐसे विभाग हैं, जिन्हें इस वित्त वर्ष केंद्रीय योजनाओं के लिए कोई फंड नहीं मिला है। इनमें जल शक्ति, आपदा प्रबंधन, राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण, ऊर्जा, नागरिक उड्डयन और IT विभाग शामिल हैं।
प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने फंड मिलने में हो रही देरी के पीछे महामारी को कारण बताया है। उन्होंने कहा कि अप्रैल और मई में महामारी के कारण विभाग काम शुरू नहीं कर पाए थे।
प्रक्रिया
क्या है केंद्रीय योजनाओं के लिए फंड मिलने की प्रक्रिया?
केंद्रीय योजनाओं के लिए फंड मिलना पहले से मिले पैसे के इस्तेमाल के 'यूटिलिटी सर्टिफिकेट' और कई विभागों में ऑडिट के बाद मिलता है।
अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय फंड इस पर निर्भर करता है कि आप कितना आगे बढ़े हैं। इस वित्त वर्ष में अभी पांच महीने बाकी हैं। आने वाले समय में विभागों का काम बढ़ेगा और फंड के खर्च में वृद्धि होगी। अगली दो तिमाहियों में कई काम पूरे होंगे।
जानकारी
आवंटन के बावजूद फंड नहीं निकाल पाया जल शक्ति विभाग
इस वित्त वर्ष के बजटीय अनुमानों के जल शक्ति विभाग के लिए सबसे ज्यादा 5,477 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। इनमें से 2,747 करोड़ रुपये के आवंटन के बावजूद जम्मू-कश्मीर प्रशासन केंद्र सरकार से फंड नहीं ले पाया है।
विभाग के पास 107 करोड़ रुपये का बैलेंस फंड भी बचा है, जिसे काम के लिए उचित बोलीदाता न मिलने के कारण खर्च नहीं किया जा सका है।
अब प्रशासन ने इस दिशा में कदम उठाने शुरू किए हैं।
जम्मू-कश्मीर
कई विभागों को मिला एक तिहाई फंड
दूसरी तरफ स्वास्थ्य और मेडिकल शिक्षा जैसे विभाग, जिनका अनुमानित व्यय 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है, उन्हें भी एक तिहाई तक ही फंड मिला है।
स्वास्थ्य और मेडिकल शिक्षा को अक्टूबर तक के लक्ष्य का 9.4 प्रतिशत, स्कूली शिक्षा विभाग को 18.6 प्रतिशत, सामाजिक कल्याण विभाग को 21 प्रतिशत और लोक निर्माण विभाग को 27.4 प्रतिशत फंड ही मिला है।
एक पूर्व मंत्री ने कहा कि यह फंड की कमी और कामों में हो रही देरी को दर्शाता है।
वादा
अमित शाह ने कही तेज गति से विकास की बात
हाल ही में जम्मू-कश्मीर दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई योजनाओं का ऐलान करते हुए कहा था कि अब यहां शुरू हुए विकास के दौर को कोई नहीं रोक सकता।
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि मोदी सरकार के राज में जम्मू-कश्मीर में 12,000 करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है और सरकार 2022 के अंत तक इलाके में कुल 51,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है।