गृह मंत्रालय ने वापस लिया CAPF की कैंटीनों में केवल स्वदेशी उप्तादों की बिक्री का आदेश
क्या है खबर?
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की कैंटीनों में 1 जून से केवल स्वदेशी उत्पादों की बिक्री के अपने पुराने आदेश को वापस ले लिया है। मंत्रालय के इस आदेश पर काफी विवाद हुआ था।
मामले में संशय की स्थिति को देखते हुए मंगलवार को ही अर्धसैनिक बलों ने नई आपूर्तियों की खरीद पर रोक लगाई थी।
आदेश में इस बदलाव को विदेशी फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) कंपनियों के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद गृह मंत्रालय ने लिया था फैसला
12 मई को देश के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकल के लिए वोकल बनने पर जोर दिया था। इस पर अमल करते हुए अगले ही दिन गृह मंत्रालय ने 1 जून से CAPF की कैंटीनों में केवल स्वदेशी उत्पादों की बिक्री का आदेश जारी किया था।
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए बताया था कि इन कैंटीनों के जरिए लगभग 10 लाख CAPF कर्मियों के 50 लाख परिजन स्वदेशी उपयोग करेंगे।
बयान
शाह ने कहा था- ये पीछे रहने का नहीं, आपदा को अवसर में बदलने का समय
शाह ने लिखा था, 'यह पीछे रहने का समय नहीं बल्कि आपदा को अवसर में बदलने का समय है। हर भारतीय अगर भारत में बने उत्पादों (स्वदेशी) का उपयोग करने का संकल्प ले तो पांच वर्षों में देश का लोकतंत्र आत्मनिर्भर बन सकता है।'
भ्रम
स्वदेशी शब्द पर स्पष्ट नहीं हुई स्थिति
गृह मंत्रालय के इस आदेश के बाद विवाद भी हुआ और कई लोगों ने CAPF कर्मचारियों पर केवल स्वदेशी उत्पाद थोपने की खिलाफत की।
इस बीच स्वदेशी शब्द से सरकार का क्या मतलब है, इस पर भ्रम बरकरार रहा और मंगलवार को अर्धसैनिक बलों ने 400 विक्रेताओं से नई आपूर्ति की खरीद को स्थगित कर दिया।
इसकी जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि सरकार से स्वदेशी शब्द पर स्पष्टता आने तक ये रोक जारी रहेगी।
CAPF कैंटीन नेटवर्क
देशभर में CAPF नेटवर्क में 1,700 से अधिक कैंटीन
बता दें कि CAPF की कैंटीनों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की कैंटीनें आती हैं।
2006 में इस नेटवर्क को स्थापित किया गया था और इसके तहत देशभर की विभिन्न जगहों पर करीब 119 मास्टर कैंटीन और 1,625 सहायक कैंटीन चलती हैं। सीमावर्ती और नक्सल प्रभावित इलाकों में भी ये कैंटीन हैं।
बिक्री
साल में 2,800 करोड़ रुपये का सामान बेचती हैं CAPF कैंटीन
CAPF नेटवर्क की इन कैंटीनों में किराने का सामान, कपड़े, गिफ्ट आइटम और वाहन समेत घरेलू इस्तेमाल के हर तरह के उत्पाद मिलते हैं। हालांकि इनमें शराब की बिक्री नहीं होती और अर्धसैनिक बलों के जवान सेना की कैंटीनों या खुले बाजार से शराब खरीदनी होती है।
लगभग 10 लाख CAPF जवानों के 50 लाख से अधिक परिजन इन कैंटीनों से साल में तकरीबन 2,800 करोड़ रुपये की खरीदारी करते हैं।