DDMA ने स्कूलों के लिए जारी की गाइडलाइंस, एक कक्षा में बैठ सकेंगे 50 प्रतिशत छात्र
क्या है खबर?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार आ रही कमी को देखते हुए स्कूलों को 1 सितंबर से फिर से खोलने की तैयारी कर ली गई है।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की गत शुक्रवार को हुई बैठक में स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने का निर्णय किया गया है।
इसके तहत DDMA ने सोमवार को स्कूलों के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी है। इसमें एक कक्षा में 50 प्रतिशत छात्रों को ही बैठाया जा सकेगा।
पृष्ठभूमि
समिति ने की थी चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को खोलने की सिफारिश
बता दें कि DDMA ने कोरोना के मामले घटने के बाद पिछले दिनों स्कूलों को फिर से खोलने की संभावनाएं तलाशने के लिए एक समिति का गठन किया था।
समिति ने गत बुधवार को DDMA से सभी कक्षाओं के लिए स्कूलों को फिर से खोले जा सकने की सिफाारिश की थी।
हालांकि, सिफारिश में यह कहा गया था कि पहले चरण में कक्षा नौंवी से 12वीं तक के छात्रों को बुलाना चाहिए और उसके बाद अन्य कक्षाओं को बुलाना चाहिए।
बैठक
DDMA की बैठक में किया गया है यह निर्णय
समिति की सिफारिश के बाद गत शुक्रवार को हुई DDMA की बैठक में राजधानी में 1 सितंबर से स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने का निर्णय किया गया है। इसमें कक्षा नौंवी से 12वीं तक के स्कूलों को 1 सितंबर से खोला जाएगा।
इसी तरह कक्षा छह से आठवीं तक के स्कूलों को 8 सितंबर से खोला जाएगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसकी घोषणा की थी। हालांकि, प्राथमिक स्तर के स्कूलों को खोलने पर कोई निर्णय नहीं किया गया है।
जानकारी
विद्यार्थियों के पास होगा ऑनलाइन कक्षाओं के चयन का विकल्प
समिति ने बच्चों को स्कूल बुलाने का निर्णय परिजनों पर छोड़ने तथा विद्यार्थियों को ऑनलाइन कक्षाओं के चयन का विकल्प देने की भी सिफारिश की थी। DDMA ने इसे भी मान लिया है और अब बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए कोई दबाव नहीं होगा।
गाइडलाइंस
50 प्रतिशत क्षमता के साथ होंगी कक्षाएं
DDMA द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस के तहत स्कूलों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ कक्षाएं संचालित की जाएगी। ऐसे में कक्षाएं दो पारियों में संचालित होंगी। दो पारियों के बीच में कम से कम एक घंटे का अंतर होगा।
इसी तरह स्कूल और कॉलेजों में आपातकालीन इस्तेमाल के लिए क्वारंटीन रूम बनाए जाएंगे। स्कूलों में नियमित अतिथियों के आने पर रोक रहेगी। इसके साथ ही बच्चों के लंच आदान-प्रदान पर रोक के साथ सभी बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी।
व्यवस्था
स्कूलों को ये भी करनी होगी व्यवस्था
स्कूल, कॉलेज, कोचिंग व अन्य शैक्षिक संस्थाएं स्कूल प्रबंधन समिति और शिक्षक-अभिभावक एसोसिशन के साथ मिलकर स्कूल खोलने की योजना को अंतिम रूप देंगे।
इसी तरह स्कूल प्रबंधन समिति को परिजनों को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित करना होगा। स्कूलों में सफाई के साथ थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर्स, साबुन, मास्क आदि की व्यवस्था करनी होगी।
स्कूलों में पर्याप्त संख्या में वॉश बेसिन और उनके पास हाथ धोने के लिए तरल साबुन की भी व्यवस्था करनी होगी।
जानकारी
कंटेनमेंट जोन वाले शिक्षक और विद्यार्थियों को नहीं मिलेगा प्रवेश
कंटेनमेंट जोन में रहने वाले शिक्षक और विद्यार्थियों को स्कूल में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। इसी तरह यदि स्कूल में किसी छात्र या स्टाफ को खांसी, बुखार या सांस में तकलीफ हुई तो उन्हें तत्काल क्वारंटाइन कर उपचार कराया जाएगा।
नियम
स्कूल के प्रवेश द्वारा करना होगा सोशल डिस्टेंंसिंग का पालन
स्कूल के प्रवेश द्वारा के साथ स्कूल परिसर और कक्षा के अंदर सोशल डिस्टेंंसिंग का पूरी तरह से पालन करना होगा। नियमों की अनदेखी होने पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
इसी तरह स्कूल के सामान्य क्षेत्र और खासकर बच्चों द्वारा ज्यादा छूए जाने वाली जगहों को नियमित रूप से सैनिटाइज करना होगा।
इसके साथ ही कक्षाओं को भी लगातार सैनिटाइज करना होगा। स्कूल के प्रवेश द्वारा पर भी इसका पुख्ता इंतजाम करना होगा।
संक्रमण
दिल्ली में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार कमी आ रही है। यह दिल्ली के लिए बड़ी राहत की बात है।
रविवार को भी दिल्ली में संक्रमण के महज 31 मामले ही सामने आए हैं और किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है।
इसके साथ ही दिल्ली में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 14,37,716 पर पहुंच गई है। इनमें से अब तक 25,080 मरीजों की मौत हुई है। वर्तमान में यहां महज 329 ही सक्रिय मामले हैं।