
दिल्ली: 15 अगस्त के आसपास ड्रोन के जरिए आंतकी हमले का खतरा, अलर्ट जारी
क्या है खबर?
आतंकवादी स्वतंत्रता दिवस से पहले दिल्ली को दहलाने की साजिश कर रहे हैं और इसके लिए ड्रोन का सहारा लिया जा सकता है।
सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली पुलिस को इस खतरे के बारे में आगाह किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि हमले के लिए 5 अगस्त को दिन भी चुना जा सकता है क्योंकि इसी दिन 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई गई थी।
NDTV ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में ये जानकारी दी है।
सुरक्षा इंतजाम
ड्रोन से खतरे को देखते हुए सुरक्षा के खास इंतजाम
बता दें कि 15 अगस्त के आसपास ड्रोन हमले से निपटने के लिए इस बार सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं और दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों को इसके लिए विशेष ट्रेनिंग दी गई है। इसमें 'सॉफ्ट किल' और 'हार्ड किल' दोनों तरह की ट्रेनिंग शामिल है।
इसके अलावा ड्रोन से हमले के खतरे को देखते हुए वायुसेना ने एक विशेष ड्रोन कंट्रोल रूम भी बनाया है जो किसी भी खतरे पर नजर रखेगा।
जानकारी
लाल किले पर लगाए जाएंगे चार एंटी-ड्रोन सिस्टम
इसके अलावा इस बार लाल किले पर चार एंटी-ड्रोन सिस्टम भी लगाए गए हैं, जबकि पिछली बार इनकी संख्या दो थी। बता दें कि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हैं।
हमला
जम्मू हवाई अड्डे पर हुआ था ड्रोन्स से हमला
बता दें कि 27 जून को जम्मू हवाई अड्डे पर दो ड्रोन्स के जरिए विस्फोटक गिराए गए थे। इस हमले में दो वायुसैनिकों को मामूली चोटें आई थीं। एक धमाके से एक इमारत की छत को नुकसान पहुंचा था, वहीं दूसरा धमाका खाली जगह पर हुआ था।
इसके घटना के एक दिन बाद कालूचक सैन्य स्टेशन के पास भी ड्रोन देखे गए थे जो जवानों की फायरिंग के बाद अंधेरे का फायदा उठा भाग गए थे।
आतंकी हमला
लश्कर-ए-तैयबा ने कराया था हमला
शुरूआत जांच में सामने आया था कि ये हमला पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने किया था। उसने इस हमले के जरिए वायुसेना के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और हेलीकॉप्टर्स को निशाना बनाने की कोशिश की थी।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मामले में पाकिस्तान के हाथ के संकेत भी दिए थे।
अधिकारियों के अनुसार, हमले के लिए इस्तेमाल किए गए एक ड्रोन में 1.5 किलोग्राम और दूसरे ड्रोन में 1 किलोग्राम RDX था।
चिंता
अधिकारियों को चिंता- आगे भी ड्रोन से हो सकता है हमला
ये भारत में ड्रोन के जरिए हुआ पहला आतंकी हमला था और सुरक्षा फ्रंट पर ये एक नई चुनौती बनकर उभरे हैं।
अधिकारियों ने चिंता जताई थी कि आतंकी आगे भी ड्रोन के जरिए हमला करने के प्रयास कर सकते हैं और अब दिल्ली में ड्रोन से हमले का ये अलर्ट जारी किया गया है।
हालांकि इन ड्रोन्स की कुछ किलोमीटर की ही रेंज होती है और इसलिए आतंकियों को दिल्ली के आसपास से ही इन्हें संचालित करना होगा।