मध्य-पूर्वी देशों में कोरोना महामारी की चौथी लहर का कारण बना कोरोना का डेल्टा वेरिएंट- WHO
भारत में मिला कोरोना का डेल्टा वेरिएंट अब दुनियाभर में तेजी से कहर बरपा रहा है। कोरोना के बढ़ते मामले एक ओर जहां भारत में तीसरी लहर की दस्तक के संकेत मिल रहे हैं, वहीं दुनिया के मध्य-पूर्वी देशों में यह वेरिएंट चौथी लहर का कारण बनता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार डेल्टा वेरिएंट ने मध्य-पूर्वी देशों में चौथी लहर का रूप ले लिया है। इसका सबसे बड़ा कारण वहां वैक्सीनेशन की दर कम होना है।
15 मध्य-पूर्वी देशों में मिली डेल्टा वेरिएंट की मौजूदगी- WHO
WHO ने कहा कि पूर्वी भूमध्य क्षेत्र के देशों में डेल्टा वेरिएंट से कोरोना के मामलों में वृद्धि हो रही है और यह वेरिएंट कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों को भी बढ़ावा दे रहा है। कोरोना की चौथी लहर को लेकर इलाके के 22 देशों में से अब तक 15 में से यह वेरिएंट तेजी से फैल रहा है। बता दें कि मध्य-पूर्वी क्षेत्र मोरक्को से पाकिस्तान तक फैला हुआ है और अब हालात नाजुक बन गए हैं।
डेल्टा वेरिएंट का तेजी प्रसार है चिंता का कारण- मंधारी
NDTV के अनुसार, पूर्वी भूमध्यसागर के लिए WHO के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अहमद अल-मंधारी ने कहा कि पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र और अन्य सभी WHO क्षेत्रों में डेल्टा वेरिएंट का तेजी से प्रसार चिंता का कारण है। हाल के सप्ताह में नए मामलों और मौतों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा, अधिकांश नए मामले और अस्पताल में भर्ती मरीजों को वैक्सीन नहीं लगी है। ऐसे में अब पूरा क्षेत्र कोरोना की चौथी लहर की चपेट में हैं।
महज 5.5 प्रतिशत आबादी को ही लगी है वैक्सीन
WHO ने कहा मध्य-पूर्व क्षेत्र के देशों में जुलाई के अंतिम सप्ताह तक महज 41 मिलियन यानी 4.1 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन लग पाई है। यह पूरे क्षेत्र की आबादी का महज 5.5 प्रतिशत हिस्सा है। ऐसे में यहां संक्रमण का खतरा अधिक है।
मध्य-पूर्वी क्षेत्र में मौतों में हुआ 15 प्रतिशत का इजाफा
WHO की माने तो मध्य-पूर्वी देशों में पिछले महीने की तुलना में संक्रमण के मामलों में 55 प्रतिशत और मौतों में 15 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इन देशों में साप्ताहिक रूप से 3,10,000 से अधिक नए मामले और 3,500 मौतें दर्ज की गई हैं। इसी तरह उत्तरी अफ्रीका में ट्यूनीशिया जैसे देशों में सबसे अधिक मौतें हुई हैं। इजरायल में नए गंभीर मरीजों की सोमवार को 20 था जो मंगलवार को 33 और बुधवार को 41 पर पहुंच गई।
ऑक्सीन और ICU बेड की कमी ने बढ़ाई परेशानी
WHO के अनुसार प्रभावित देशों में ऑक्सीजन टैंकों और ICU बेडों की गंभीर कमी ने क्षेत्रीय स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की क्षमता को अव्यवस्थित कर दिया है। इन क्षेत्रों में डेल्टा वेरिएंट का तेजी से प्रसार इसे प्रमुखता से फैलने वाला वेरिएंट बना रहा है। जर्नल वायरोलॉजिकल के एक पेपर के अनुसार, 2020 में वायरस की पहली लहर के रोगियों की तुलना में डेल्टा वेरिएंट के रोगियों में वायरस लोड 1,000 गुना अधिक है।
दुनिया के 132 देशों में पहुंचा डेल्टा वेरिएंट- WHO
WHO की रिपोर्ट में कहा गया है कि डेल्टा वेरिएंट का प्रसार अब तक दुनिया के 132 देशों तक पहुंच गया है। ऐसे में यह अब प्रमुखता से फैलने वाले वेरिएंट के स्तर पर पहुंच गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई अध्ययनों में नए वेरिएंटों के खिलाफ वैक्सीन के कम प्रभावी होने की बात कही जा रही है, लेकिन अभी सीधे तौर पर वेरिएंट से वैक्सीन का संबंध स्थापित नहीं हो सका है।
डेल्टा वेरिएंट के कारण भारत में बढ़े थे संक्रमण और मौत के मामले
सबसे पहले भारत में पाया गया डेल्टा (B.1.617.2) वेरिएंट अधिक संक्रामक होने के साथ लोगों को गंभीर स्थिति में पहुंचाने का कारण रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसने भारत की महामारी की दूसरी लहर को विशानकारी स्तर पर पहुंचा दिया था। इसके कारण प्रतिदिन लाखों लोग संक्रमित हुए और हजारों की मौत हुई। एक नए अध्ययन के अनुसार, वर्तमान में काम आ रही वैक्सीन वायरस के शुरुआती वेरिएंट की तुलना में डेल्टा पर आठ गुना कम प्रभावी है।