
भारत में बर्ड फ्लू के कारण पहली इंसानी मौत, AIIMS में बच्चे ने तोड़ा दम
क्या है खबर?
भारत में बर्ड फ्लू के कारण इंसान की मौत होने का पहला मामला दर्ज किया गया है।
हरियाणा के रहने वाले एक 11 वर्षीय बच्चे को इस महीने की शुरुआत में दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था। अस्पताल ने मंगलवार को बच्चे की बर्ड फ्लू के कारण मौत होने की पुष्टि की है।
अब स्वास्थ्यकर्मी बच्चे के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग कर रहे हैं।
जानकारी
क्या होता है बर्ड फ्लू?
बर्ड फ्लू या एवियन इंफ्लूएंजा एक वायरल संक्रमण है जो इंफ्लूएंजा टाइप ए वायरसों के कारण फैलता है। आमतौर पर पक्षियों में होने वाला ये संक्रमण एक पक्षी से दूसरे पक्षी में भी फैल सकता है और उनकी मौत का भी कारण बन सकता है।
बर्ड फ्लू पैदा करने वाले वायरसों के कई स्ट्रेन हल्के लक्षण पैदा करते हैं और कई स्ट्रेन अधिक घातक साबित हो सकते हैं।
बर्ड फ्लू का H5N1 स्ट्रेन इंसानों के लिए भी काफी खतरनाक है।
बर्ड फ्लू
भारत में बर्ड फ्लू से इंसानी मौत का संभवत: पहला मामला
अस्पताल के सूत्रों ने TOI को बताया कि बच्चे को बुखार और खांसी जैसे लक्षणों के साथ अस्पताल लाया गया था। शुरुआत में ये कोरोना वायरस के लक्षण लगे, लेकिन जब इसके टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई तो दूसरे टेस्ट किए गए। इनसे पता चला कि बच्चा बर्ड फ्लू से संक्रमित था।
भारत में पिछले कई सालों में बर्ड फ्लू संक्रमण फैला है, लेकिन इसके कारण इंसानी मौत का यह संभवत: पहला मामला है।
ऐहतियात
डॉक्टरों और परिजनों को आइसोलेट किया गया
बच्चे की मौत के बाद उसके परिजनों, उसका इलाज करने वाले डॉक्टरों और दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों को आइसोलेशन में भेज दिया गया है। उन्हें किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर इसकी जानकारी देने को कहा गया है।
नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ने मृत बच्चे के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग शुरू कर दी है।
बच्चे में पाए गए इंफ्लूएंजा वायरस के स्ट्रेन का पता लगाने की भी कोशिश की जा रही है।
जानकारी
इंसानों के लिए बेहद खतरनाक है बर्ड फ्लू
AIIMS के एक डॉक्टर ने बताया कि बर्ड फ्लू से इंसानों में संक्रमण के मामले बहुत दुर्लभ होते हैं, लेकिन अगर संक्रमण फैलना शुरू हो जाए तो यह बहुत खतरनाक साबित हो सकता है।
इंसानों के लिए ये कितना खतरनाक होता है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 1997 में हांगकांग में इसका पहला मामला सामने आने के बाद से जितने भी लोगों को इससे संक्रमित पाया गया है, उनमें से 60 प्रतिशत की मौत हो गई।
जानकारी
क्या हैं संक्रमण के लक्षण और उपचार?
इंसानों में बर्ड फ्लू मुख्य तौर पर उसके श्वसन तंत्र को निशाना बनाता है और इसके लक्षणों में बुखार, उल्टी, डायरिया, मांसपेशियों और पेट के निचले हिस्से में दर्द और सांस लेने में दिक्कत आदि शामिल हैं।
इसके अलावा इसमें निमोनिया या एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) के लक्षण भी देखे जाते हैं।
बर्ड फ्लू के उपचार में एंटी-वायरल दवाएं दी जाती हैं और संक्रमण के दो दिन के अंदर इन्हें लेना बहुत जरूरी होता है।
जानकारी
कैसे करें संक्रमण से बचाव?
इससे बचाव के लिए अधपके मांस या अंडे खाने से बचने, मांस या अंडा लाने पर इन्हें धोने और संक्रमित पक्षियों से दूर रहने आदि की सलाह दी जाती है। मुर्गी पालन में काम करने वालों को PPE किट पहननी चाहिए।