
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके भारत आए, कितना अहम है 3 दिवसीय दौरा?
क्या है खबर?
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके 3 दिवसीय भारत दौरे पर आए हैं। दिल्ली पहुंचने पर केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन ने उनका स्वागत किया।
पदभार संभालने के बाद दिसानायके की यह पहली विदेश यात्रा है।
दिसानायके 17 दिसंबर तक भारत में रहेंगे और इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे।
दिसानायके के साथ विदेश मंत्री विजिता हेराथ और वित्त उप मंत्री अनिल जयंता फर्नांडो भी भारत आए हैं।
दौरा
कैसा रहेगा दिसानायके का दौरा?
श्रीलंका के कैबिनेट प्रवक्ता नलिंदा जयतिसा ने कहा कि राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके का भारत दौरा 15 से 17 दिसंबर तक होगा।
उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति अनुरा कुमारा भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति समेत देश के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे। इस दौरे में हुए द्विपक्षीय समझौतों की घोषणा अंत में की जाएगी।"
दिसानायके भारत और श्रीलंका के बीच निवेश और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए व्यापारिक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे।
उनका बोधगया जाने का भी कार्यक्रम है।
चर्चा
क्या होगी चर्चा?
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दिसानायके की भारत यात्रा से दोनों देशों के बहुआयामी और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
मंत्रालय ने कहा कि यात्रा के दौरान समुद्री सुरक्षा सहयोग और अन्य प्रमुख द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत होने की संभावना है। विदेश
मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि दिसानायके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर चर्चा करेंगे।
अहमियत
कितना अहम है दौरा?
दिसानायके की पार्टी और गठबंधन को भारत विरोधी माना जाता है।
वे श्रीलंका में अडाणी समूह की कुछ परियोजनाओं पर भी चिंता जता चुके हैं। उनके राष्ट्रपति बनने के बाद से अनुमान लगाए जा रहे थे कि श्रीलंका भारत से दूर जा सकता है।
हालांकि, दिसानायके ने पहले विदेशी दौरे के लिए भारत को चुना है, इसलिए यात्रा को अहम माना जा रहा है। जानकार इसे भारत की अहमियत के संदेश के तौर पर देख रहे हैं।
दौरे पर टिप्पणी
दौरे को कैसे देख रहे हैं जानकार?
वरिष्ठ पत्रकार आर सनथ ने BBC तमिल से कहा, "श्रीलंका विदेश नीति में गुटनिरपेक्ष नीति का अनुसरण करता है। उसने भारत को प्राथमिकता देना जारी रखा है। दिसानायके की यात्रा में एक संदेश यह भी है कि उनके शासन में भारत की अहमियत कम नहीं होगी। दिसानायके दिल्ली दौरे के बाद जनवरी में चीन जाएंगे। यह एक संदेश है कि भारत के साथ मिलकर काम करने के बावजूद चीन के साथ श्रीलंका के दोस्ताना रिश्ते में कोई बदलाव नहीं आएगा।"
परिचय
कौन हैं दिसानायके?
दिसानायके कोलंबो से सांसद हैं और वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) के अध्यक्ष हैं।
उनका जन्म 24 नवंबर, 1968 को अनुराधापुरा जिले के थंबूथेगामा गांव में हुआ था।
छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे दिसानायके ने पहली बार 2000 में विधायक का चुनाव जीता था। वे 2014 में JVP के अध्यक्ष बने।
2019 के राष्ट्रपति चुनावों में उन्हें केवल 3 प्रतिशत वोट मिले थे।
हालिया चुनावों में 42.31 प्रतिशत वोट पाकर वे राष्ट्रपति बने हैं।