प्रधानमंत्री के साथ आधिकारिक आवास पर रहने वाले परिजनों को ही मिलेगी SPG सुरक्षा, विधेयक पेश
क्या है खबर?
गांधी परिवार से स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) सुरक्षा लिए जाने के बाद से यह मामला चर्चा में है।
अब इसे लेकर सरकार ने नया विधेयक पेश किया है। इसमें SPG कानून में कई बदलाव सुझाए गए हैं।
अब तक प्रधानमंत्री, उनके परिवार के सदस्यों, पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को सदस्यों को SPG सुरक्षा मिलती थी, लेकिन नए विधेयक के अनुसार प्रधानमंत्री के परिवारिक सदस्यों को तभी SPG मिलेगी, जब वो उनके साथ उनके आधिकारिक आवास पर रहेंगे।
विधेयक
SPG सुरक्षा को समयसीमा को लेकर होगा बड़ा बदलाव
विधेयक में कहा गया है कि SPG केवल प्रधानमंत्री और उनके साथ उनके आधिकारिक निवास पर रहने वाले परिवार के सदस्यों और पूर्व प्रधानमंत्री और उनके साथ रहने वाले पारिवारिक सदस्यों को पांच साल के लिए सुरक्षा देगी।
यानी प्रधानमंत्री पद से हटने के पांच साल बाद किसी नेता और उनके परिवार को SPG का सुरक्षा घेरा नहीं मिलेगा।
अभी तक यह तय नहीं था कि पूर्व प्रधानमंत्री को कितने समय के लिए SPG सुरक्षा मिलेगी।
जानकारी
सरकार ने संशोधन को बताया जरूरी
विधेयक पेश करते हुए गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि मौजूदा कानून के हिसाब से SPG का दायरा विस्तृत हो जाता है और उसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल होती है। उन्होंने कहा कि कानून में संशोधन जरूरी था।
विवाद
गांधी परिवार से SPG सुरक्षा वापस लेने पर मचा था हंगामा
हाल ही में केंद्र सरकार ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को दी गई SPG सुरक्षा वापस ले ली थी।गांधी परिवार पिछले समय से सुरक्षा व्यवस्था में SPG का सहयोग नहीं कर रहा था।
कांग्रेस ने संसद में भी यह मुद्दा उठाया था। पूर्व प्रधानमंत्री का परिवार होने और उनकी जान को खतरा देखते हुए उन्हें SPG सुरक्षा दी गई थी।
अब गांधी परिवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की Z+ सुरक्षा दी गई है।
जानकारी
मनमोहन सिंह की सुरक्षा ली गई थी वापस
गांधी परिवार से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की SPG सुरक्षा वापस ली गई थी। केंद्र सरकार ने कहा कि उनकी सुरक्षा की समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया गया था। अब मनमोहन सिंह को CRPF की Z+ सुरक्षा मिली है।
SPG का गठन
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुआ था SPG का गठन
1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के अगले साल SPG का गठन किया गया था।
1988 में संसद ने SPG कानून पारित किया था। SPG का काम प्रधानमंत्रियों को सुरक्षा प्रदान करना था।
वीपी सिंह सरकार ने 1989 में राजीव गांधी से SPG सुरक्षा वापस ले ली थी। उनकी हत्या के बाद SPG कानून में बदलाव किया गया।
इसके बाद प्रधानमंत्री, सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों की जिम्मेदारी SPG को सौंपी गई।