पिछले 8 साल में 892 सैन्यकर्मियों ने की आत्महत्या, सबसे अधिक संख्या सेना के जवानों की
पुलवामा हमले के बाद देशभक्ति चरम पर है और हर नागरिक सैनिकों के साथ खड़ा है। लेकिन इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि हर हमले के बाद ऐसा ही होता है और बीच के दौर में हम सैनिकों की समस्याओं पर सोचना और सवाल पूछना बंद कर देते हैं। कई बार परिस्थितियां ऐसी होती हैं कि सैनिकों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर देती हैं। आइए आपको पिछले 8 साल में आत्महत्याओं के ऐसे मामलों के बारे में बताते हैं।
संसद में पेश हुए आंकड़े
संसद में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार साल 2011 से 2018 के बीच भारतीय सशस्त्र बलों (सेना, वायु सेना, नौसेना) के 892 कर्मियों ने आत्महत्या की। आंकड़ों के मुताबिक 2011 में 132, 2012 में 111, 2013 में 117, 2014 में 112, 2015 में 86, 2016 में 129, 2017 में 101 और 2018 में 104 जवानों की आत्महत्या के मामले दर्ज किए। औसतन हर साल सेना में 88, वायुसेना में 18.5 और नौसेना में 4.5 आत्महत्या के मामले दर्ज हुए।
सेना में आत्महत्या के मामले सबसे अधिक
आत्महत्या करने वाले जवानों में सेना के जवान सबसे ज्यादा हैं। पिछले 8 सालों में सेना के 707 जवानों ने आत्महत्या की। 2011 में सेना के सबसे ज्यादा 105 जवानों ने आत्महत्या की। वहीं, 2016 में सेना में 101 आत्महत्या के मामले सामने आए। इसके अलावा वायुसेना के 148 और नौसेना के 37 कर्मियों ने भी खुद की जान ली। इसी तरह 2017 में सेना में 75, जलसेना में 5 और नौसेना में 21 आत्महत्या के मामले सामने आए।
निराशा में साथियों पर भी चलाईं गोलियां
साल 2018 में सेना के 80, नौसेना के 8 और वायुसेना के 16 जवानों ने आत्महत्या की। मुसीबतों और निराशा के कारण साथी सैनिकों पर गोली चलाने के कई मामले देखने को मिले। 2016 में ऐसे 3 और 2017 और 2018 में 1-1 मामला सामना आया है। अगर जवानों की आत्महत्या के तरीकों की बात करें तो 2016 में 129, 2017 में 101 और 2018 में 104 आत्मदाह करके खुद की जान ली।
अर्धसैनिक बलों में भी आत्महत्या के मामले
इस दौरान सेना ही नहीं अर्द्धसैनिक बलों में भी आत्महत्या के कई मामले सामने आए। साल 2012 से 2015 के बीच केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 149 जवानों ने आत्महत्या कर अपनी जान ली थी। वहीं, इस दौरान CISF में 56 और ITBP एवं SSB में 25 आत्महत्या के मामले सामने आए। बता दें कि जवानों को पेशेवर सहायता प्रदान करने के लिए सेना और वायु सेना ने एक हेल्पलाइन भी शुरू की है।
आत्महत्या के मामले रोकने के लिए सरकार उठा रही है कदम
संसद में इस बारे में पिछले महीने पूछे गए एक सवाल के जवाब में रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने बताया था कि सशस्त्र बलों में कामकाज के स्वस्थ माहौल को बनाने के लिए सरकार द्वारा कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि इसके अलावा सेना के उत्तरी और पूर्वी कमांड में जवानों के तनाव को कम करने के लिए 'मिलाप' और 'सहयोग' जैसे प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं।