सोनिया गांधी को बनाया गया अंतरिम अध्यक्ष, क्या कभी गांधी परिवार से बाहर सोच पाएगी कांग्रेस?
क्या है खबर?
दो साल के अंदर सोनिया गांधी की फिर से कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर वापसी हुई है।
शनिवार को हुई कांग्रेस कार्यकारिणी समिति (CWC) की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से अंतरिम अध्यक्ष चुना गया।
वह अगले अध्यक्ष के चुनाव तक इस पद पर बनी रहेंगी।
इससे पहले CWC ने राहुल को इस्तीफा वापस लेने और पार्टी को नेतृत्व करने को मनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन राहुल ने इससे इनकार कर दिया।
बैठक
पहले रखा गया राहुल की वापसी का प्रस्ताव
पहले प्रयास में असफल रहने के बाद शनिवार शाम को जब CWC की बैठक दोबारा हुई, तब एक बार फिर से ये प्रस्ताव रखा गया कि राहुल अपना इस्तीफा वापस लें।
लेकिन प्रियंका गांधी ने सबको सूचित किया कि वह अड़े हुए हैं और दोबारा विचार नहीं करना चाहते।
राहुल खुद अध्यक्ष पद की किसी चर्चा में शामिल नहीं हुए और शाम को जब जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा हुई, तभी बैठक में आए और इसके तुरंत बाद चले गए।
शर्त
इस शर्त पर मानीं सोनिया गांधी
इसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव दिया।
CWC के बाकी सदस्यों ने भी इस प्रस्ताव पर पूर्ण सहमति जताई।
पहले तो सोनिया ने उनके अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया, लेकिन पार्टी नेताओं के लगातार अनुरोध के बाद उन्होंने इस शर्त पर प्रस्ताव को स्वीकार किया कि वह केवल पूर्णकालिक अध्यक्ष के लिए चुनाव होने तक अंतरिम अध्यक्ष का पद संभालेंगी।
समस्या
सोनिया ने कहा, विरोधियों को मिलेगा मौका
सोनिया ने ये भी कहा कि उनके दोबारा अध्यक्ष बनने से विरोधियों को ये आरोप लगाने का मौका मिलेगा कि गांधी परिवार पार्टी पर अपनी पकड़ ढीली करने में संकोच कर रहा है।
उन्होंने CWC के संकल्प में इस बिंदु को रखने पर जोर दिया।
इसमें लिखा गया है, "राहुल गांधी के दोबारा अध्यक्ष बनने से इनकार करने के बाद CWC ने सर्वसम्मति से सोनिया गांधी से AICC द्वारा स्थाई अध्यक्ष के चुनाव तक अंतरिम अध्यक्ष बनने का अनुरोध किया।"
बयान
स्थाई अध्यक्ष चुने जाने तक अध्यक्ष रहेंगी सोनिया
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस पर बयान जारी करते हुए कहा, "CWC ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि सोनिया गांधी को स्थाई अध्यक्ष चुने जाने तक अंतरिम अध्यक्ष का पद संभालना चाहिए। उन्होंने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया।"
रिकॉर्ड
सबसे अधिक समय तक कांग्रेस अध्यक्ष रही हैं सोनिया
सोनिया गांधी के नाम सबसे अधिक समय तक कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने का रिकॉर्ड दर्ज है।
वह 1998 से 2017 तक लगभग दो दशक तक कांग्रेस अध्यक्ष रहीं थीं।
2017 में उन्होंने अपनी ये जिम्मेदारी अपने बेटे राहुल गांधी को सौंप दी।
राहुल 2 साल तक पद पर रहे।
लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद उन्होंने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और पार्टी को नया अध्यक्ष चुनने को कहा था।
सवाल
गांधी परिवार से कब बाहर निकलेगी कांग्रेस?
सोनिया के दोबारा अध्यक्ष बनने से उनके विरोधियों का ये दावा मजबूत होगा कि कांग्रेस एक परिवार की पार्टी है और वंशवाद की राजनीति करती है।
आम लोगों में भी कांग्रेस को लेकर ये भावना है।
यही कारण है कि राहुल ने अपने इस्तीफे के समय नया अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर से बनाने पर जोर दिया था।
लेकिन पार्टी नेताओं का ये फैसला दिखाता है कि उनकी सोच गांधी परिवार से बाहर नहीं जाती।