भाजपा सांसद का 'चमत्कारी' ज्ञान- गरुड़ गंगा का पानी पीने से होती है नॉर्मल डिलीवरी
क्या है खबर?
लोकसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के उत्तराखंड प्रमुख अजय भट्ट ने महिलाओं की डिलीवरी को लेकर नया ज्ञान दिया है।
उनके इस ज्ञान के मुताबिक, अगर महिलाएं कुमाऊं के बागेश्वर से बहने वाली गरुड़ गंगा का पानी पी लें तो उनकी सामान्य डिलिवरी हो सकती है। यह पानी पीने के बाद सीजेरियन डिलीवरी की जरूरत नहीं पड़ेगी।
भट्ट ने लोकसभा में होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक 2019 पर बोलते हुए यह नया ज्ञान दिया।
नेता जी का बयान
सांप का जहर भी खत्म करता है पानी- भट्ट
नेता जी सदन में कहा कि अगर गर्भवती महिलाएं अगर गरुड़ गंगा के पत्थर को रगड़कर एक कप पानी के साथ पी लें तो उसकी नॉर्मल डिलीवरी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर भले ही ऑपरेशन की बात करते हैं, लेकिन यह चमत्कार है, जिसकी जानकारी कम लोगों को है।
इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि अगर सांप-बिच्छू के काटने पर कोई पत्थर घिसकर उसका लेप लगा ले तो जहर का असर खत्म हो जाता है।
कहानी
नेताजी ने सुनाई 'चमत्कार' के पीछे की कहानी
भट्ट ने इस 'चमत्कार' के बारे में बताया कि एक बार एक व्यक्ति के घर में चूहे के बिल में सांप फंस गया था।
सांप के काटे जाने के डर से घर के सारे लोग बाहर आ गए। इसी दौरान एक संत गरुड़ गंगा के पत्थर के साथ आए। उन्होंने घर के लोगों को वह पत्थर लेकर अंदर जाने को कहा।
नेता जी ने बताया कि जैसे ही वो लोग पत्थर लेकर अंदर गए, सांप घर से बाहर आ गया।
विवादित बयान
सत्यपाल सिंह बोले- हम वानरों की नहीं ऋषियों की औलाद
एक और भाजपा सांसद ने ऐसा ही बयान दिया, जिस पर चर्चा शुरू हो गई।
बागपत से लोकसभा सांसद सत्यपाल सिंह ने शुक्रवार को मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2019 पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि हम ऋषियों की संतानें हैं, वानरों की नहीं।
उन्होंने कहा, ''भारतीय संस्कृति यह मानती है कि हम ऋषियों की संतानें हैं। जो लोग यह कहते हैं कि वे बंदरों की औलाद हैं, मैं ऐसे लोगों की भावनाओं को भी ठेस नहीं पहुंचाना चाहता।''
जानकारी
पहले भी डार्विन के सिद्धांत को झुठला चुके हैं
केंद्र सरकार में पूर्व मंत्री रहे सत्यपाल सिंह पहले भी 'डार्विन के सिद्धांत' को खारिज कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि यह वैज्ञानिक रूप से गलत है। वह खुद को वानर की संतान नहीं मानते। बता दें कि सिंह केमिस्ट्री के छात्र रहे हैं।