यूक्रेन से 9 बांग्लादेशियों को निकालने पर शेख हसीना ने जताया प्रधानमंत्री मोदी का आभार
क्या है खबर?
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के 13वें दिन यानी मंगलवार को सुमी सहित पांच शहरों में अस्थायी सीजफायर के ऐलान के बाद बनाए गए मानवीय कॉरिडोर के जरिए भारत ने सुमी में फंसे सभी भारतीय छात्रों सहित 694 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है।
इनमें नौ बांग्लादेशी नागरिकों के साथ पाकिस्तान, नेपाल और ट्यूनीशिया के नागरिक भी शामिल थे।
इसको लेकर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और एक पाकिस्तानी छात्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है।
प्रकरण
भारत ने 12 बसों से जरिए सुनिश्चित की थी नागरिकों की निकासी
बता दें कि रूस के सीजफायर का ऐलान करने के बाद रेड क्रॉस ने दोनों देशों की सहमति से लोगों की निकासी के लिए मानवीय कॉरिडोर बनाया था।
इसके बाद यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने सुमी सें भारतीयों को निकालने के लिए 12 बसे पहुंचाई थीं। इन बसों में सभी भारतीयों सहित कुल 694 लोगों को निकाला गया था।
निकासी में बांग्लादेश के नौ नागरिकों सहित पाकिस्तान, नेपाल और ट्यूनीशिया के कुल 17 नागरिक भी शामिल थे।
जानकारी
भारत ने नागरिकों को सुमी से निकालकर पहुंचाया पोल्तवा शहर
भारतीय दूतावास ने सभी 694 नागरिकों को सुमी से निकालकर यूक्रेन के ही दूसरे शहर पोल्तवा पहुंचाया था। उसके बाद सभी नागरिकों को अन्य वाहनों के जरिए अपने देश को वापसी के लिए सीमावर्ती देशों के लिए रवाना कर दिया गया।
आभार
शेख हसीना ने जताया प्रधानमंत्री मोदी का आभार
यूक्रेन में फंसे भारतीयों की निकासी के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा अभियान के तहत बांग्लादेशी नागरिकों को भी युद्ध प्रभावित इलाकों से निकालने के लिए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है।
इसी तरह अभियान के तहत सुमी से शहर से निकाली गई पाकिस्तानी छात्रा आस्मा शफीक ने भी यूक्रेन में स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों और प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया है।
वीडियो
पाकिस्तानी छात्रा ने ऐसे जताया आभार
सुमी से सुरक्षित निकालने को लेकर भारतीय दूतावास और प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताने वाली पाकिस्तानी छात्रा आस्मा का एक वीडियो भी सामने आया है।
इसमें उन्होंने कहा, "मैं कीव के भारतीय दूतावास को धन्यवाद देना चाहती हूं जिन्होंने हमें यहां तक पहुंचाया। हम बेहद मुश्किल हालत में फंस गए थे और मैं इस सहायता के लिए भारत के प्रधानमंत्री का धन्यवाद देना चाहती हूं। मुझे उम्मीद है कि हम भारतीय दूतावास की मदद से सुरक्षित घर पहुंचेंगे।"
सहायता
भारत ने पहले भी बचाए हैं बांग्लादेशी और नेपाली नागरिक
यूक्रेन युद्ध में यह पहला मौका नहीं है जब भारत ने किसी विदेशी नागरिकों को बचाया है।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इससे पहले भारत ने एक बांग्लादेशी और सात नेपाली नागरिकों को भी बचाया था। ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय उड़ान से वापस लौटे पहले नेपाली नागरिक रोशन झा ने भी भारत सरकार को मदद के लिए धन्यवाद दिया था।
उसके बाद से लेकर अब तक सात नेपालियों को भारतीय उड़ान से वापस लाया जा चुका है।
वापसी
निकासी अभियान के तहत अब तक हुई 18,000 लोगों की वापसी
बता दें कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सरकार की ओर से शुरू किए गए निकासी अभियान के तहत अब तक 18,000 नागरिकों को वापस लाया जा चुका है।
इनमें कुछ पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, नेपाली और ट्यूनीशिया के नागरिक भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए यूक्रेन में विशेष दूत तैनात करने के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की से भी वार्ता की थी।
यूक्रेन युद्ध
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
यूक्रेन पर रूस का आक्रमण बीते दो हफ्तों से जारी है और कई शहरों पर भीषण हमले किए जा रहे हैं।
स्थानीय मीडिया का दावा है कि रूस के हमले शुरू होने के बाद से अब तक 1,300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। दूसरी तरफ रूस पर प्रतिबंध बढ़ते जा रहे हैं।
अमेरिका ने रूस से तेल-गैस का आयात बंद करने का ऐलान किया है। ब्रिटेन ने भी ऐसा ही कदम उठाया है।