
विदेशों से महंगा प्याज खरीदकर बांग्लादेश को सस्ती कीमत पर क्यों दे रही सरकार?
क्या है खबर?
देश में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं। इसी बीच मोदी सरकार ने बांग्लादेश से विदेशों से निर्यात किए प्याज खरीदने को कहा है।
दरअसल, सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए विदेशों से प्याज निर्यात किए थे। प्याज आने के बाद कई राज्यों ने अपनी मांग वापस ले ली, जिससे प्याज की खपत नहीं हो पाई।
अब सरकार बांग्लादेश से बात कर रही है वो यह प्याज ले लें।
मामला
मुंबई के पोर्ट पर रखा है प्याज का स्टॉक
भारत ने विदेशों से 36,000 मीट्रिक टन (MT) प्याज का निर्यात करने का कॉन्ट्रैक्ट किया था। 12 जनवरी तक 18,000 मीट्रिक टन प्याज भारत पहुंच चुका है।
इसमें से राज्य सरकारों ने केवल 3,000 मीट्रिक टन प्याज ही लिया है और बाकी स्टॉक मुंबई के पोर्ट पर रखा है।
द प्रिंट के मुताबिक, वाणिज्य मंत्रालय में इसे लेकर सोमवार को बैठक हुई थी। इसके बाद सरकार ने बांग्लादेश के राजदूत को प्याज का स्टॉक खरीदने का ऑफर दिया है।
वजह
प्याज का इतना स्टॉक बचा क्यों है?
रिपोर्ट के मुताबिक, अलग-अलग राज्यों ने प्याज की खपत के आधार पर केंद्र सरकार को अपनी मांग बताई थी।
महाराष्ट्र ने 10,000 MT, असम ने 3,000 MT, हरियाणा ने 3,480 MT, कर्नाटक ने 250 MT और ओडिशा ने 100 MT की मांग रखी थी।
यह स्टॉक आने के बाद इन राज्यों ने अपनी मांग वापस ले ली, जिससे प्याज के इस स्टॉक की खपत नहीं हो पाई। अब सरकार इसे बांग्लादेश को बेचना चाह रही है।
वजह
राज्यों ने मांग वापस क्यों ली?
प्याज की बढ़ी कीमतों पर रोक लगाने के लिए राज्यों ने सरकार से निर्यात की मांग की थी, लेकिन निर्यात हुए प्याज की ऊंची कीमतों और अलग स्वाद को देखते हुए राज्य अपनी मांग से पीछे हट गए।
राज्यों की तरफ से ऑर्डर कैंसिल होने के बाद केंद्र सरकार की चिंता बढ़ गई है। सरकार को प्याज सड़ने का डर सता रहा है। बता दें कि प्याज जल्द खराब होने वाली सब्जी है।
शर्त
स्टॉक का फ्री ट्रांसपोर्टेशन चाहता है बांग्लादेश
रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी सरकार ने लगभग 43,000 रुपये प्रति टन के हिसाब से प्याज खरीदे थे। अब सरकार बांग्लादेश को यह प्याज 39,000 रुपये प्रति टन देने को तैयार है।
बांग्लादेश यह स्टॉक खरीदने को तैयार है, लेकिन उसने शर्त रखी है। बांग्लादेश का कहना है कि वह पहले ही चीन ने प्याज खरीद चुका है ऐसे में भारत को उसे कुछ छूट देनी चाहिए।
उसने प्याज के फ्री ट्रांसपोर्टेशन की मांग की है।