
सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान को झटका, विश्व बैंक का भारत पर दबाव बनाने से इनकार
क्या है खबर?
भारत के सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद पाकिस्तान को इस मामले में एक और बड़ा झटका लगा है।
पहले उसे उम्मीद थी विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई इस संधि को एकतरफा निलंबित करने पर भारत पर अपना फैसला बदलना पड़ेगा, लेकिन अब विश्व बैंक ने उसे झटका दे दिया है।
विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में भारत पर कोई भी दबाव नहीं बना सकते हैं।
बयान
बंगा ने क्या दिया बयान?
बंगा ने CNBC-TV18 से कहा, "सिंधु जल संधि दो देशों के बीच है और अगर वो असहमत होते हैं, तो विश्व बैंक की भूमिका विवाद को सुलझाने के लिए एक तटस्थ विशेषज्ञ या मध्यस्थ की व्यवस्था करने भर की है।"
उन्होंने आगे कहा, "हमें विशेषज्ञों या मध्यस्थों की फीस एक ट्रस्ट फंड से देनी है जिसे संधि के समय बैंक में स्थापित किया गया था। यही हमारी भूमिका है। इसके अलावा इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है।"
मुलाकात
बंगा ने प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री सीतारमण से की मुलाकात
बंगा ने इस मामले में PIB से कहा, "मीडिया में इस बारे में बहुत अटकलें लगाई जा रही हैं कि विश्व बैंक कैसे इस समस्या को हल करेगा, लेकिन यह सब बकवास है। विश्व बैंक की भूमिका केवल एक सहायक की है।"
बता दें कि बंगा ने सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर विश्व बैंक द्वारा संचालित भारत की विभिन्न परियोजनाओं पर भी चर्चा की। इस दौरान उन्होंने पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया।
पृष्ठभूमि
भारत ने पहलगाम हमले के बाद निलंबित कर दी थी संधि
बता दें कि भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सख्त कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था।
इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के फैसले को अवैध और एकतरफा बताते हुए विश्व बैंक से बात करने का बयान दिया था।
उसका कहना था कि विश्व बैंक के हस्तक्षेप के बाद भारत को अपना फैसला बदलना पड़ेगा, लेकिन अब विश्व बैंक अध्यक्ष के बयान से उसकी उम्मीदों को झटका लगा है।
संधि
क्या है सिंधु जल संधि?
विश्व बैंक की मध्यस्थता से 1960 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान के बीच सिंधु जल संधि हुई थी।
इसके तहत सिंधु घाटी में बहने वाली 3 पूर्वी नदियों (रवि, सतलज, व्यास) पर भारत का, जबकि 3 पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) पर पाकिस्तान का अधिकार है।
नदियां भारत से होकर बहती हैं, इसलिए पश्चिमी नदियों के 20 प्रतिशत पानी पर भारत का अधिकार है, वो सिंचाई समेत अन्य परियोजनाओं में इसका उपयोग करता है।