केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकेगा भारत
क्या है खबर?
भारत सरकार पुलवामा में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को चौतरफा घेरने में लगी हुई है।
इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि पाकिस्तान जाने वाली 3 नदियों का पानी रोका जाएगा और इसका इस्तेमाल यमुना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए किया जाएगा।
अगर गडकरी ने जो कहा, वह आधिकारिक रूप लेता है तो इससे भारत-पाकिस्तान के बीच हुई सिंधु जल संधि पर एक बड़ा असर पड़ सकता है।
बयान
यमुना को पुनर्जीवित करने के लिए होगा पानी का इस्तेमाल
गडकरी ने एक रैली में कहा कि पाकिस्तान को जाने वाली 3 नदियों (रवि, सतलज, व्यास) के पानी को पाकिस्तान की तरफ से मोड़ कर यमुना परियोजना में इस्तेमाल किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो पाकिस्तान को 3 और भारत को 3 नदियों को दिया गया। हालांकि भारत ने पाकिस्तान को लगातार पानी दिया, लेकिन अब इसका इस्तेमाल यमुना परियोजना के तहत यमुना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए किया जाएगा।"
अधिकार
तीनों नदियों पर है भारत का अधिकार
गडकरी ने कहा कि ऐसा करने के बाद पाकिस्तान बूंद-बूंद पानी को तरसेगा।
बता दें कि इन तीनों नदियों के पानी पर भारत का अधिकार है, लेकिन फिर भी भारत पाकिस्तान को पानी देता है।
2016 में उरी हमले के बाद भारत सरकार ने इन तीनों नदियों के जरिए पाकिस्तान में जाने वाले पानी को रोकने के लिए जल परियोजनाओं में तेजी लाने का फैसला लिया था।
गडकरी इन्हें परियोजनाओं की ओर इशारा कर रहे थे।
सिंधु जल संधि
क्या है सिंधु जल संधि?
भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तानी राष्ट्रपति आयूब खान के बीच 19 सितंबर 1960 को सिंधु जल संधि हुई थी।
संधि के तहत सिंधु घाटी में बहने वाली 3 पूर्वी नदियों (रवि, सतजल, व्यास) पर भारत का अधिकार है, जबकि 3 पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) पर पाकिस्तान का अधिकार है।
नदियां भारत से होकर बहती हैं, इसलिए पश्चिमी नदियों के 20 प्रतिशत पानी का इस्तेमाल भारत सिंचाई और अन्य सीमित कार्यों के लिए कर सकता है।