देश में कोरोना वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन की रणनीति तैयार, वायुसेना के विमानों का होगा इस्तेमाल
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस वैक्सीनों के हवाई ट्रांसपोर्टेशन का मसौदा तैयार कर लिया है और आज या कल से देश के विभिन्न हिस्सों तक वैक्सीन की खुराकों को पहुंचाना शुरू हो सकता है।
इस मसौदे के तहत देश के दूरदराज और दुर्गम इलाकों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए भारतीय वायुसेना के विमानों का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा वायुसेना वैक्सीन की ढुलाई कर रही अन्य व्यावसायिक एयरलाइंस को भी अपने हवाई अड्डों पर उतरने देगी।
रिपोर्ट
पुणे होगा देशभर में वैक्सीन वितरण का केंद्र
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, पुणे कोरोना वायरस वैक्सीनों के वितरण का केंद्र होगा और यहीं से देश के बाकी हिस्सों में वैक्सीन जाएंगी। इसके अलावा देशभर में कई छोटे केंद्र भी बनाए गए हैं और लगभग 41 एयरपोर्ट्स का वैक्सीन के वितरण के लिए उपयोग किया जाएगा।
उत्तरी भारत के लिए दिल्ली और करनाल, पूर्वी भारत के लिए कोलकाता और गुवाहाटी (उत्तर-पूर्व भारत भी) और दक्षिणी भारत के लिए चेन्नई और हैदराबाद को केंद्र बनाया गया है।
योजना
कठिन इलाकों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए होगा वायुसेना के विमानों का उपयोग
चूंकि पुणे एयरपोर्ट भारतीय वायुसेना के अंतर्गत आता है, इसलिए वह भी वैक्सीन के हवाई ट्रांसपोर्टेशन का हिस्सा होगी।
शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने इंडिया टुडे को बताया कि वैक्सीनों का ज्यादातर हवाई सफर व्यावसायिक एयरलाइंस के जरिए होगा, हालांकि अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख जैसे राज्यों के कठिन इलाकों में वैक्सीन पहुंचाने के लिए वायुसेना के C-130J और एंटोनोव-32 जैसे परिवहन विमानों का उपयोग किया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, जरूरत पड़ने पर वायुसेना अपने हेलीकॉप्टर्स का भी उपयोग करेगी।
कंटेनर
वैक्सीनों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए तैयार किए गए विशेष कंटेनर
अधिकारियों ने ये भी बताया कि ट्रांसपोर्टेशन के दौरान वैक्सीनों को सुरक्षित रखने के लिए वैक्सीन निर्माताओं और सप्लायर्स ने विशेष कंटेनर तैयार किए हैं जिनमें वैक्सीनों के मुताबिक तापमान रखा जाएगा।
बता दें कि वैक्सीनों को एक विशेष तापमान पर रखना बेहद जरूरी होता है और अगर ऐसा नहीं किया जाता और किन्हीं कारणों से तापमान इससे कम या ज्यादा होता है तो वैक्सीन की खुराकें असुरक्षित और अप्रभावी भी हो सकती हैं।
वैक्सीन
दो वैक्सीनों को मिली है आपातकालीन उपयोग की मंजूरी
बता दें कि भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल चुकी है।
कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है और भारत में SII इसका निर्माण और ट्रायल कर रही है। इसे 70 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है।
वहीं कोवैक्सिन को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है। इसका तीसरे चरण का ट्रायल अभी जारी है।
वैक्सीनेशन
जल्द शुरू हो सकता है वैक्सीनेशन, जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य
इन दोनों वैक्सीनों को मंजूरी मिलने के बाद अब जल्द ही देश में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है। सरकार की योजना जुलाई तक लगभग 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अनुसार, वैक्सीनेशन के पहले चरण में तीन करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी, जिनमें एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और दो करोड़ महामारी में अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे अन्य कर्मचारी शामिल होंगे।