AIIMS को नहीं मिल रहे 'कोवैक्सिन' के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए पर्याप्त वॉलंटियर्स
लोगों को कोरोना वायरस महामारी से निजात दिलाने के लिए फार्मा कंपनी भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई देश की पहली संभावित स्वदेशी वैक्सीन 'कोवैक्सिन' के जनता तक पहुंचने में देरी हो सकती है। इसका कारण है कि वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में जुटे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) को ट्रायल के लिए पर्याप्त वॉलंटियर्स नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में वैक्सिन का ट्रायल बीच में ही अटका हुआ है।
26 नवंबर से शुरु हुआ था वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल
बता दें कि कोवैक्सिन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रालय की शरुआत 26 नवंबर से हुई थी। AIIMS ने तीसरे चरण के ट्रायल में 1,500 से 2,000 वॉलंटियर्स को शामिल करने का निर्णय किया था, लेकिन अभी तक इसके लिए पर्याप्त पंजीयन नहीं हो पाए हैं। ऐसे में वैक्सीन का ट्रायल अटका हुआ है। ट्रायल में आ रही वॉलंटियर्स की कमी ने AIIMS के चिकित्सा एवं शोध अधिकारियों की चिंता को बढ़ा दिया है।
तीसरे चरण के ट्रायल के अब तक पहुंचे महज 200 वॉलंटियर्स
AIIMS में सामुदायिक चिकित्सा विभाग में प्रोफेसर और ट्रायल के प्रधान निरीक्षक डॉ संजय राय ने कहा, "वैक्सिन के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए हमें 1,500 से 2,000 वॉलंटियर्स की जरूरत है, लेकिन अभी तक महज 200 वॉलंटियर्स ही भर्ती हुए हैं।" उन्होंने कहा कि यदि समय पर वॉलंटियर्स नहीं मिले तो वैक्सीन के सार्वजनिक उपयोग में देरी हो सकती है। इसका कारण है कि वॉलंटियर्स की कमी से ट्रायल के लक्ष्यों को पूरा नहीं किया जा सकता है।
प्रक्रिया जानने के बाद शामिल होने से इनकार कर रहे हैं वॉलंटियर्स- राय
डॉ संजय ने बताया कि ट्रायल के लिए स्वेच्छा से आने वाले वॉलंटियर्स को जब प्रक्रिया बताई जाती है तो वह शामिल होने से इनकार कर रहे हैं। अब तक करीब 80 प्रतिशत लोग इनकार कर चुके हैं। क्लिनिक ट्रायल के पहले और दूसरे चरण में 8 प्रतिशत वॉलंटियर्स ने इनकार किया था। स्वेच्छा से आने वाले वॉलंटियर्स का कहना है कि जब सबके लिए वैक्सीन उपलब्ध होने वाली है तो फिर इसके ट्रायल में भाग लेने की क्या जरूरत।
पूरी तरह से सुरक्षित है वैक्सीन- राय
डॉ राय ने बताया कि वैक्सीन के पहले चरण में 375 और दूसरें चरण में 900 वॉलंटियर्स ने हिस्सा लिया था। इसी तरह तीसरे चरण में देश के 25 संस्थानों में 25,800 वॉलंटियर्स को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि पहले चरण के अंतरिम परिणामों में वैक्सीन सुरक्षित पाई गई और इसमें कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं आए हैं। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करती है। ऐसे में लोगों को ट्रायल में शामिल होना चाहिए।
वॉलंटियर्स के लिए चलाया जाएगा जागरुकता अभियान- राय
डॉ राय ने कहा कि चरण के ट्रायल में उन्हें 100 वॉलंटियर्स की जरूरत थी, लेकिन 4,500 आवेदन मिले थे। दूसरे चरण के ट्रायल में भी करीब 4,000 आवेदन मिले थे, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। उन्होंने कहा कि वह वैक्सीन के ट्रायल में वॉलंटियर्स के भाग लेने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विज्ञापन, ईमेल और फोन कॉल आदि का सहारा लेने की योजना बना रहे हैं। इससे वॉलंटियर्स मिलने की संभावना है।
वैक्सीन के आपात उपयोग की मंजूरी के लिए आवेदन कर चुकी है कंपनी
बता दें भारत बायोटक ने गत 8 दिसंबर को वैक्सीन के आपात उपयोग की मंजूरी हासिल करने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को आवेदन भेज दिया था। उससे पहले SII और सीरम इंस्टीट्यूट ने भी मंजूरी के लिए आवेदन कर किया था।
ट्रायल में इस तरह शामिल हो सकते हैं वॉलंटियर्स
बता दें कि यदि आप भी वैक्सीन की सफलता की कहानी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो आपको ट्रायल में शामिल होने के लिए खुद को रजिस्टर करना होगा। आप ctaiims.covid19@gmail पर ईमेल भेजकर या AIIMS पहुंचकर ट्रायल के लिए खुद को एनरोल कर सकते हैं। इसके बाद AIIMS की तरफ से आपसे संपर्क किया जाएगा और ट्रायल से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। रजिस्टर होने के बाद आपको AIIMS बुलाया जाएगा।