कृषि कानून: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- समिति बनाकर चर्चा करें किसान और सरकार; अगली सुनवाई कल
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान किसान और सरकार के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए एक समिति बनाने का प्रस्ताव दिया है। इसमें किसान संगठन और सरकार, दोनों पक्षों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। CJI एसए बोबड़े, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की बेंच ने दिल्ली के बॉर्डर पर डटे किसानों को हटाने की मांग पर सुनवाई करते हुए यह सुझाव दिया। मामले की अगली सुनवाई कल होगी।
जल्द ही राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है किसानों का प्रदर्शन- कोर्ट
बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन का मामला कुछ ही दिनों में राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है। इसलिए कोर्ट इसके समाधान के लिए समिति के गठन का प्रस्ताव देता है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि सरकार और किसानों के बीच अभी तक बातचीत से हल नहीं निकला है। CJI बोबड़े ने कहा कि इस समिति में किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
किसानों के नुकसान वाले कदम नहीं उठाएगी सरकार- SG मेहता
सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार और किसानों की बातचीत इसलिए सफल नहीं हो रही है क्योंकि किसान को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। वो सरकार से हां या ना में जवाब चाह रहे हैं। सरकार ने किसानों से बात की है, लेकिन अब उन्होंन मुंह मोड़ लिया है। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह भी कहा कि सरकार ऐसा कुछ नहीं करेगी, जिससे किसानों का नुकसान हो।
सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया
CJI बोबड़े ने कहा कि सरकार और किसानों की बातचीत आगे भी सफल नहीं होगी क्योंकि किसान सहमत नहीं होंगे। इसके बाद बेंच ने सरकार से उन किसान संगठनों के नाम मांगे, जो कोर्ट के सामने पेश हो सकते हैं। इसके बाद कोर्ट ने किसान संगठनों और केंद्र, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने कहा कि मामले को सहमति से सुलझाना जरूरी है। मामले की अगली सुनवाई गुरूवार को होगी।
सुनवाई के दौरान आया शाहीन बाग का जिक्र
सुनवाई के दौरान शाहीन बाग की भी जिक्र आया। दरअसल, सुनवाई के दौरान CJI ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या आप चाहते हैं कि बॉर्डर खोल दिए जाएं? इस पर वकील ने कहा कि कोर्ट ने शाहीन बाग के मामले में कहा था कि रास्ते बंद नहीं होने चाहिए। इसके बाद वकील बार-बार शाहीन बाग का जिक्र करते रहे। इस पर बेंच ने वकील को टोकते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था के मामलों में मिसाल नहीं दी जा सकती।
किसने दायर की थी याचिका?
कानून के छात्र रिषभ शर्मा ने प्रदर्शनकारी किसानों की दिल्ली के बॉर्डर से हटाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि किसानों के प्रदर्शन के कारण सड़कें बंद हैं और इस वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारी संख्या में लोगों के एक जगह इकट्ठा होने से कोरोना वायरस के मामले बढ़ने का खतरा भी है।
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।