अमरिंदर सिंह ने की अमित शाह से मुलाकात, कहा- 'मेरे पास समाधान के लिए कुछ नहीं'
नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बढ़ता जा रहा है। मामले के समाधान के लिए सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच दिल्ली में चौथे दौर की वार्ता चल रही है। इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके घर पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कृषि कानूनों पर अपना विरोध जाहिर किया और मामले का तत्काल कोई समाधान निकालने की अपील की।
वार्ता जारी है और मेरे पास समाधान के लिए कुछ नहीं- अमरिंदर सिंह
गृह मंत्री शाह से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री सिंह ने मीडिया से कहा, "नए कृषि कानूनों के मामले में आंदोलनकारी किसान और सरकार के बीच वार्ता जारी है और मेरे पास इसके समाधान के लिए कुछ नहीं है।" उन्होंने आगे कहा, "मैंने कृषि कानूनों पर जारी अपने विरोध को फिर से दोहराया है और गृह मंत्री से मामले का हल निकालने की अपील की है। इस मामले से मेरे राज्य की अर्थव्यवस्था और राष्ट्र की सुरक्षा प्रभावित हो रही है।"
पंजाब सरकार ने आंदोलन में मारे गए दो किसानों को दिया मुआवजा
इधर, पंजाब सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन में जान गंवाने वाले मानसा और मोगा के दो किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों किसानों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई है। बता दें कि पंजाब सरकार किसानों के विरोध का समर्थन कर रही है उसने कानूनों के खिलाफ विधेयक भी पारित किया है।
सरकार और किसानों के बीच जारी है चौथे दौर की वार्ता
दूसरी तरफ सरकार और किसानों के बीच चौथे दौर की बातचीत जारी है। इसके लिए किसान प्रतिनिधि सुबह विज्ञान भवन पहुंच गए थे। इस बातचीत में मामले का कोई ना कोई हल निकलने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे पहले 1 दिसंबर को किसान संगठनों के नेता और सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने बातचीत की थी, लेकिन इसमें सहमति नहीं बन पाई थी। आज की बैठक से पहले कृषि मंत्री ने बातचीत के सकरात्मक होने की उम्मीद जताई है।
बैठक से पहले किसानों ने सरकार को दी चेतावनी
बैठक के पहले लोक संघर्ष मोर्चा की प्रतिभा शिंदे ने कहा कि सरकार के पास कानूनों को निरस्त करने का आखिरी मौका है। इसके बाद यह आंदोलन बड़ा होगा और सरकार के गिरने का कारण बनेगा। क्रांति किसान यूनियन के अध्यक्ष डॉ दर्शन पाल ने कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद के विशेष सत्र को बुलाने की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर 5 दिसंबर को पूरे देश में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
क्या है कृषि कानूनों का पूरा मामला?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।