
किसान प्रदर्शनों के चलते दिल्ली के कई बॉर्डर बंद, वैकल्पिक रास्तों के इस्तेमाल की सलाह
क्या है खबर?
किसानों के प्रदर्शन के चलते राजधानी दिल्ली के अधिकतर बॉर्डर बंद हो चुके हैं। इसके चलते कई रास्तों पर जाम लगा हुआ है।
लोगों को अपने गंतव्य स्थल पहुंचने में काफी समय लग रहा है। कई जगहों पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बेरिकैडिंग की हुई है।
इसे देखते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से गंतव्य स्थल के लिए वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करने की अपील की है।
आइये, पूरी खबर जानते हैं।
जानकारी
नोएडा की तरफ चिल्ला बॉर्डर बंद
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार सुबह ट्वीट कर जानकारी दी कि किसान प्रदर्शनों के कारण गौतम बुद्ध गेट के पास नोएडा लिंक पर चिल्ला बॉर्डर बंद है। दिल्ली से नोएडा जाने वाले लोगों को NH-24 और दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।
दिल्ली
हरियाणा की तरफ कई बॉर्डर बंद
वहीं हरियाणा की तरफ भी दिल्ली के कई बॉर्डर बंद हैं। ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनों के चलते टिकरी, झरौदा और झटिकड़ा बॉर्डर बंद हैं।
इनके अलावा सिंघु बॉर्डर पिछले कई दिनों से बंद हैं। यहां पंजाब और हरियाणा से आने वाले प्रदर्शनकारी किसान डटे हुए हैं।
हरियाणा की तरफ से दिल्ली आने वाले लोग धानसा, दौराला, कापसहेड़ा, रजोकरी, NH-8, बिजवासन, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर से आ सकते हैं।
हालांकि, इन रूटों पर भारी ट्रैफिक है।
जानकारी
दोनों तरफ से बंद है सिंघु बॉर्डर
पुलिस ने बताया कि सिंघु बॉर्डर दोनों तरफ से बंद है। इसके अलावा लामपुर, औचंदी और दूसरी छोटी बॉर्डर से दिल्ली में आने वाले रास्ते भी बंद हैं। मुकरबा चौक और GTK रोड से ट्रैफिक डायवर्ट किया जा रहा है।
बातचीत
चौथे दौर की बातचीत के लिए पहुंचे किसान
दूसरी तरफ आज विज्ञान भवन में सरकार और किसानों के बीच चौथे दौर की बातचीत होगी।
इसके लिए किसान विज्ञान भवन पहुंच चुके हैं और किसी भी वक्त यह बातचीत शुरू हो सकती है।
इससे पहले 1 दिसंबर को किसान संगठनों के नेता और सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने बातचीत की थी, लेकिन इसमें सहमति नहीं बन पाई थी।
आज की बैठक से पहले कृषि मंत्री ने बातचीत के सकरात्मक होने की उम्मीद जताई है।
चेतावनी
बैठक से पहले किसानों ने सरकार को दी चेतावनी
बैठक के पहले लोक संघर्ष मोर्चा की प्रतिभा शिंदे ने कहा था कि सरकार के पास कानूनों को निरस्त करने का आखिरी मौका है। इसके बाद यह आंदोलन बड़ा होगा और सरकार के गिरने का कारण बनेगा।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष डॉ दर्शनपाल ने कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद के विशेष सत्र को बुलाने की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर 5 दिसंबर को पूरे देश में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
विवाद की वजह
क्या है कृषि कानूनों का पूरा मामला?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।